धूमधाम से मनायी गयी बाल्मीकि जयन्ती

चहनियां । जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को बाल्मीकि जयंती उत्सव बलुआ स्थित बाल्मीकि कुण्ड पर धूमधाम से मनाया गया । खण्ड बिकास अधिकारी सतीश चन्द्र त्रिपाठी व खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रदीप मिश्रा ने बाल्मीकि जी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत किया । कलाकारों द्वारा सुंदर पाठ व गीत संगीत का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी सतीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत ऋषि, मुनियों ,सन्तो महान पुरुषों का देश है । भारत की भूमि पर अनेक सन्त और पराकर्मियों ने जन्म लेकर भारत की भूमि को गौरवान्वित किया है । भारत की विद्वता इसी बात से सिद्ध होती है कि भारत को सोने की चिड़िया व विश्व गुरु आदि नाम से भी जाना जाता है । बाल्मीकि जी भी देश के महान पुरुषों में उपाधि दी गयी है । खण्ड शिक्षा  अधिकारी प्रदीप मिश्रा ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि भी एक विद्वान पंडित के रूप में प्रतिष्ठित है । जिन्हें अकस्मात ज्ञान की देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त हुई थी । संस्कृत के श्लोक उनके जिह्वा से प्रस्फुट होने लगती थी । ब्रम्हा जी आग्रह पर इन्होंने मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम के जीवन से जुड़ा महाकाव्य रामायण नामक ग्रन्थ की रचना की । इनकी जीवनी बहुत ही लंबी है । लवकुश को शिक्षा के साथ साथ ज्ञान दिया । इस अवसर पर एडीओ पंचायत इंद्रभूषण दूबे, रामजी, नित्यानन्द सिंह, जे ई राकेश कुमार मौर्या, ग्राम प्रधान दिलीप कुमार, सचिन कुमार सिंह, दिवाकर आदि लोग उपस्थित थे ।