अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का चुनाव 25 को

प्रयागराज।साधु संतो की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का चुनाव 25 अक्टूबर को होगा।
परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की 20 सितंबर को संदिग्ध अवस्था में मौत हो गयी थी। उनका शव बाघम्बरी गद्दी मठ के एक कमरे में पंखे से लटकता मिला था। उनके निधन के बाद अध्यक्ष का पद रिक्त है।अखाड़ा परिषद के सूत्रों ने बताया कि प्रयागराज स्थित तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा ने दारागंज में सभी १३ अखाड़ों के संतो की बैठक 25 अक्टूबर को बुलाई है। इसी दिन परिषद के अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। अखाडा परिषद को तीनो बैरागी वैष्णव अखाड़ो के बैठक में शामिल होने पर संदेह है। तीनो अखाड़े परिषद के अध्यक्ष रहे नरेन्द्र गिरि की षोडशी में शामिल नहीं हुए थे।बैरागी वैष्णव सम्प्रदाय में दिगम्बर अखाड़े के श्रीमहंत राम किशोर शास्त्री ने बताया कि तीनो अखाड़े (दिगम्बरी अनि अखाड़ा, निर्वानी अनि अखाड़ा और पंच निर्मोही अनि अखाड़ा)को महंत नरेन्द्र गिरि की षोडशी में शामिल होने का कोई आमंत्रण नहीं मिला था। इस कारण तीनो अनि अखाडो से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था। उनके निधन का समाचार सुनकर सभी वहां पहुंचे थे। मान सम्मान और स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। वैसे हम नरेन्द्र गिरि जी के पास आते-जाते थे, वो अलग बात थी लेकिन बिना आमंत्रण के कही भी नहीं जाया जा सकता है।उन्होने बताया कि 25 अक्टूबर को परिषद के अध्यक्ष पद चुनाव के लिए अभी किसी प्रकार की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। उन्होने कहा कि हमे न/न तो षोडशी और नही बैठक की सूचना है। बैरागी अखाड़ा हमेशा अखाड़ा परिषद को समर्थन देते आ रहे थे लेकिन इन्होने हमेशा दोयम दर्ज का व्यवहार किया। वैरागी वैष्णव से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत ज्ञानदास को थोडे समय तक काम करने का मौका मिला। लोगों ने शांति से उन्हे काम नहीं करने दिया। ज्ञानदास जी के समय में अखाड़ा परिषद को ख्याति मिली। उसके बाद नरेन्द्र गिरि को 2015 में उज्जैन के कुंभ में अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष घोषित किया गया। उन्होने बताया कि उस समय भी अखाडा परिषद का हम लोगों ने समर्थन किया था।