जौनपुर। हजरत मोहम्मद मुस्तफा का जन्म अरबी महीने के रबीउल अव्वल महीने में मक्के में हुआ था। सुन्नी मुसलमान 12 रबीउल अव्वल जबकि शिया मुसलमान 17 रबीउल अव्वल को जन्म दिवस मनाते हैं। तारीख के इस मतभेद को ईरान की इस्लामी क्रान्ति के संस्थापक इमाम खुमैनी रिजवान उल्लाह ने 12 से 17 रबीउल के सप्ताह को हफ्त-ए-वहदत एकता सप्ताह का नाम देकर शिया सुन्नी एकता को मजबूत आधार प्रदान किया। जिसमें मिलादुन्नबी व गोष्ठी जुलूस जलसे का आयोजन किया जाता है। 12 रबीउल अव्वल को हफ्त-ए-वहदत की शुरुआत शेख नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी के कार्यालय मोहल्ला मखदूम शाह अढ़हन चहारसू पर तेलावते कुराने मजीद से असलम नकवी ने किया। अध्यक्षता सोसाएटी के मुख्य संरक्षक हाजी इंजीनियर हैदर खाँ रन्नवी ने किया। उन्होंने कहा कि हफ्त-ए-वहदत का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए। इस एकता सप्ताह में मुसलमानों को पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद की विलादत पर आपस में मिल-बैठकर इस्लामी एकता को मजबूत करना चाहिए। कार्यक्रम के अन्त में पूरी दुनिया में अमनो-शान्ति के लिए दुआ की गई। शेख अली मंजर डेजी ने सभी आगन्तुकों का शुक्रिया अदा किया और ईदे मिलादुन्नबी की मुबारकबाद पेश की। इस अवसर पर सैय्यद परवेज हसन, एएम डेजी, हसीन अहमद, मोहम्मद नासिर रजा गुड्डू, सत्यम यादव, जकरिया, गोरखनाथ विशेष तौर पर उपस्थित थे।
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