डेडिकेट फ्रेट कॉरीडोर ने चुनार मे 80मीटर लम्बा पुल तीन घन्टे मे बनाया

प्रयागराज। चुनार – चोप न खंड में  चुनार एवं विश्वनाथपुरी स्टेशनों के मध्य किलोमीटर 242/32-34 पर रेल फ्लाई ओवर संख्या 273 के क्रम में 80 मीटर लंबा गर्डर लॉंच किया गया|  इस रेल ओवर रेल  फ्लाईओवर के निर्माण  से उत्तर मध्य रेलवे के चुनार –चोपन रेल लाइन और डीएफसी रेल मार्ग की सर्फेस क्रॉसिंग से बचाव हो सकेगा और दोनोंमार्गों पर निर्बाध रेल परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा| ज्ञात हो कि, डेडिकटेड फ्रेट कॉर्रिडोर उच्च गति और उच्च क्षमता वाले विश्वस्तरीय तकनीक के अनुसार बनाया जाने वाला रेलमार्ग है। इसे विशेष तौर पर माल एवं वस्तुओं के परिवहन हेतु बनाया जा रहा है। डीएफसी मे बेहतर बुनियादी ढांचे और साथ ही अत्याधुनिक प्राधौगिकी का एकीकरण शामिल है।ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉर्रिडोर पंजाब के लुधियाना से होकर पश्चिम बंगाल के दानकुनि तक निर्मित हो रहा है। वही ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेंट डोर के मार्ग में कोयला खदानें, थर्मल पॉवर प्लांट और औद्योगिक शहर मौजूद हैं। इसके मार्ग में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार शामिल हैं। इस परियोजना का अधिकांश हिस्सा विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉर्रिडोर भारत के परिवहन क्षेत्र में सुधार करेगा और भारतीय रेलवे के ट्रैक मार्गो की क्षमता में बढ़ोतरी करेगा क्योंकि इस मार्ग पर मालगाड़ीयों का निर्बाध परिवहन हो सकेगा। इस डेडीकेटेड रेल मार्ग के निर्माण के उपरांत में भारतीय रेल नेटवर्क पर चलने वाली बहुत सारी माल गाड़ियां डेडिकेटेड फ्रेंट कॉरीडोर पर स्थांनातरित कर दी जायेगी| इनके स्थानांतरण से खालीहुए मार्गों पर यात्री ट्रेनों के परिवहन के लिए अधिक मार्ग मिल जाएगा। डेडिकेटेड फ्रेंट कॉर्रिडोर रेल लाइन को भारतीय रेलवे की रेल लाइनों की तुलना में अधिक भार उठाने के लिए डीजा़इन किया गया है जो की व्यावसायिक व व्यापारिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं इस नये फ्रेट रेल मार्ग से भारतीय रेलवे की मुख्य लाइनों पर अधिक गाड़ियां चलाई जा सकेगी जिससे भारतीय ट्रेने अधिक समयबद्ध हो सकेगी। इसमे परिवहन लागत कम हो जायेगी एवं यह उच्च ऊर्जा दक्षता के साथ माल के त्वरित परिवहन के कारण पर्यावरण के अधिक अनुकूल होगा| यह व्यापार की सुगमता प्रदान करेगा जो रोजगार सृजन मे सहायक होगा।इस संबंध में जानकारी देते हुए डेडिकेटेड फ्रेट कॉर्रिडोर के भाऊपुर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक के प्रोजेक्ट के चीफ जनरल मैनेजर ओमप्रकाश ने  यह बताया कि यह ब्रिज 520 टन का है जो 80 मीटर लंबा है | इसे मात्र 3 घंटे में बना के तैयार किया गया है । इस ब्रिज से होकर प्रयागराज की ओर  से पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं चोपन होते हुए झारखंड को जानें वाली मालगाड़ियों को गति मिलेगी । इस ब्रिज से जिन मालगाड़ियों को प्रयागराज के रास्ते पण्डित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन की ओर से बिहार जाना हो तो वह इस ब्रिज के उपर से जाएंगी  एवं जिन मालगाड़ियों को चोपन होते हुए झारखंड जाना होगा वो इस ब्रिज के नीचे से जाएंगी । इससे मालगाड़ियों को गति मिलेगी जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा ।इस कार्यक्रम में जी. एम. आर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संजीव कुमार एवम परियोजना निदेशक  राजसिंह टाक , सहित परियोजना प्रबंधक  देवेंद्र कुमार शर्मा एवं  मुख्य परियोजना प्रबंधक  पूर्णा नंद झा , ए.आई.एम. एल.के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दलजीत सिंह मौजूद रहे ।