किसानों के रेल रोको आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री को संबोधित “किसान हित केन्द्रित अवधारणा पत्र” सौंपा

सोनभद्र | पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर देश भर मे किसान रेल रोको अभियान चलाया जाना सुनिश्चित किया गया है किसानों के द्वारा । इस क्रम मे शुरु से ही किसान आन्दोलन का समर्थन कर रहे पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच तथा पूर्वांचल नव निर्माण मंच के किसान भी आज सोनभद्र मे रावर्टसगंज रेल्वे स्टेशन पर रेल रोकने की तैयारी मे थे। लेकिन सुबह से ही सोनभद्र पुलिस ने मंच के नेता श्रीकांत त्रिपाठी, गिरीश पाण्डेय, अभय पटेल, रमाकांत तिवारी तथा सुमित को घर पर नजरबंद कर दिया । रावर्टसगंज नगरपालिका परिषद् के ब्रम्हनगर स्थित आवास पर नजरबंद किए गए गिरीश पाण्डेय पुलिस का घेरा तोड़कर स्टेशन की ओर बढ़े तो बढ़ौली चौराहे ( स्वर्ण जयंती चौक ) पर इंस्पेक्टर कोतवाली रावर्टसगंज ने पुलिस बल के साथ आगे जाने से रोक दिया ।  चल रहे जद्दोजहद के बीच मौके पर पहुंचे मजिस्ट्रेट अरुण कुमार को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन ” किसान हित केन्द्रित अवधारणा पत्र ” सौंपकर  गिरीश पाण्डेय ने दोषपूर्ण कृषि कानून की वापसी सुनिश्चित करते हुए नये कृषि कानून के लिए जिम्मेदार लोगों की कमेटी बनाकर किसान हित मे नये कृषि कानून का निर्माण कराने की मांग करते हुए कहा कि यदि सरकार द्वारा थोपा जा रहा कृषि कानून उपयोगी है तो सरकार सरल शब्द मे स्पष्ट रूप से लोगों को कृषि कानून का अपने लाभ बताए अथवा कानून वापस ले सरकार ।  गिरीश पाण्डेय ने कहा सुरसा के मूंह जैसे बढ़ रही मँहगाई आज किसान को बेटी की शादी तथा बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए जमीन बेचनी पड़ती है या गिरवी रखनी पड़ती है । किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनन गारंटी देने की मांग भी पत्र के माध्यम से की । साथ ही फसल के उत्पादन लागत को कम करने के लिए डीजल के दाम में  30% की सब्सिडी देने की मांग प्रधानमंत्री से की ।लखीमपुर खीरी मे मारे गए दोनो पक्ष के लोगों को आर्थिक सहायता देने की मांग के साथ साथ भड़काऊ भाषण देने वाले केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करने की मांग भी गिरीश पाण्डेय ने किसान हित केन्द्रित अवधारण पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री जी से की।मंच के नेता श्रीकांत त्रिपाठी तथा गिरीश पाण्डेय ने पुलिस के बल पर किसानों की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए खेद व्यक्त किया की दस महीने से चल रहे किसानान्दोलन को समाप्त कराने के लिए सरकारें गंभीर नहीं हैं । जबकि  किसानों की मांग जायज है। नेता द्वय ने कहा की सरकार के इस अड़ियल रवैए से देश भर के किसानों में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है । नेता द्वय ने कहा  किसानान्दोलन को कुचलने की कवायद पुलिस के बल पर किया जाना पुरा देश देख रहा है , सरकार की दमनकारी नीति के कारण देश का बौद्धिक वर्ग भी किसानों के साथ संवेदना दिखाने लगा है । कहा यदि सरकार किसानों की बात नहीं मानकर ऐसे ही आन्दोलन को दबाने की नाकामयाब कोशिश करती रहेगी तो सरकार की घटती हुई लोकप्रियता एक दिन शुन्य पर पहुंच जायेगी । जिसके लिए खुद सरकार तथा सरकार के लोग ही जिम्मेदार होंगे। नजरबंद किसान नेता रमाकांत तिवारी तथा अभय पटेल  ने हुंकार भरते हुए कहा कि पुलिस की गिदड़भभकी से किसान डरने वाले नहीं । मंच के किसान संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर सभी मोर्चे को सफल बनाने के लिए सड़क पर आगे भी उतरते रहेंगे ।