पट्टी, प्रतापगढ़। अवध किसान आंदोलन 101 वर्ष की वर्षगांठ पर पट्टी तहसील मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर ग्राम रूरे में स्मारक स्थल पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम स्मारक स्तंभ पर माल्यार्पण किया गया। वहां से स्मारक स्थल तक पदयात्रा करते हुए स्मारक स्थल पर पुनः माल्यार्पण किया गया। माल्यार्पण करने वालों में मुख्य रूप से मजदूर नेता हेमंत नंदन ओझा, अखिल भारतीय किसान सभा पूर्व जिलाध्यक्ष एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री रामबरन सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला मंत्री निर्भय प्रताप सिंह, राजमणि पांडे, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवध किसान आंदोलन के नायक ठाकुर झीगुरी सिंह के प्रपौत्र दिनेश सिंह स्वतंत्रता सेनानी और किसान आंदोलन के नायक और पहले किसान सभा के अध्यक्ष सहदेव सिंह के प्रपौत्र विपिन सिंह वह अन्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर दोनों ही स्थलों पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित करते हुए किसान आंदोलन में शामिल रहे सभी सेनानियों शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर स्थानीय लोगों के सहयोग से प्रतिवर्ष किए जाने वाले कार्यक्रम को इस वर्ष प्रशासनिक सहयोग भी मिला। कार्यक्रम में प्रशासन की ओर से प्रदर्शनी इत्यादि का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किसान आंदोलन में शामिल रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी किसान नायकों के परिजनों को माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। इसमें सर्वश्री त्रिपुरारी पांडे, विनोद पांडे, वीरज पांडे, विभूति पांडे प्रपौत्र गण पंडित माता बदल पांडे प्रथम मंत्री अवध किसान सभा, दिनेश सिंह वंश बहादुर सिंह प्रपौत्र ठाकुर झिगुरी सिंह , विपिन सिंह प्रपौत्र सहदेव सिंह प्रथम अध्यक्ष किसान सभा को माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर हेमंत नंदन ओझा, निर्भय प्रताप सिंह, राजमणि पांडे, रामबरन सिंह ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए हुए कहा कि किसानों और मजदूरों के जीवन में जो भी शासन सत्ता व्यवस्था दुश्वारी पैदा की उनकी सत्ता को किसानों मजदूरों एवं जनता ने उखाड़ कर फेंक दिया । वर्तमान में और आगे भी जो भी ऐसा करेगा जिसकी नीतियां किसान और मजदूर विरोधी होगी सत्ता टिकने वाली नहीं रहेगी। उक्त वक्ताओं ने इस अवसर पर कहला में शहीद किसान परिवारों को शासन प्रशासन द्वारा शहीद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा नहीं होने पर चिंता करते करते हुए आजादी के आंदोलन में शहीद सभी परिवारों को शहीद और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरकारी अभिलेखों में दर्ज किए जाने की मांग की। वक्ताओं ने किसान आंदोलन में सहित विभिन्न किसानो के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त किया।
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