फतेहपुर। कृषि कानूनों को वापस न लेने व लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के धरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले को फूंकने की योजना प्रशासन की सख्ती की वजह से सफल नहीं हो सकी। धरनास्थल पर पुलिस की मुस्तैदी से दहन के लिए ले जाए जा रहे पुतले को पुलिस ने चीन कर कब्ज़े में ले लिया। पीएम का पुतला फूंकने से वंचित रहे चुके किसान धरना समाप्त कर वापस लौट गए।शनिवार को तीनों कृषि कानूनों की वापसी न होने व लखीमपुर खीरी में गृह राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा द्वारा किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाकर हत्या किए जाने के बाद गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी न किए जाने पर भारतीय किसान यूनियन ने नहर कालोनी प्रांगण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन की योजना बनाई थी। एलआईयू व अन्य खूफिया विभाग को पीएम के पुतला दहन की जानकारी होते ही हरकत में आए जिला प्रशासन ने एसडीएम प्रमोद झा, क्षेत्राधिकारी संजय कुमार सिंह की अगुवाई में कोतवाली प्रभारी, महिला थाना प्रभारी समेत भारी बल को नहर कालोनी स्थित धरना को छावनी में तब्दील कर दिया। काफी देर तक चले धरना प्रदर्शन के बाद जैसे ही पुतला दहन के लिए किसानों ने पुतला निकाला। पुलिसिया मुस्तैदी से तेज़ी से पुलिस कर्मियों ने पुतला चीन कर कब्ज़े में ले लिया। पुतला छीने जाने के बाद किसान काफी देर तक धरनास्थल पर रहे इस दौरान अफसर भी लगातार किसानों की टोह में रहे। आखिरकार किसान धरना समाप्त कर कर वापस लौट गए। किसानों के धरना स्थल से चले जाने के बाद जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस मौके पर राजकुमार सिंह गौतम, राजेन्द्र सिंह, प्रीतम सिंह, सुरेंद्र पटेल, देवनारायण सिंह, धर्मपाल सिंह, सोनू सिंह, मुन्ना सिंह, अंगद सिंह, सुखी राम, कृष्ण पाल सिंह, जितेंद्र सिंह, सोनू चंदेल, अंगद सिंह आदि रहे।
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