ढाका । बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के तमाम दावों के बाद भी देश में हिंदू मंदिरों पर हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। दुर्गा मंदिरों में तोड़फोड़ के कुछ घंटे बाद ही नोआखाली इलाके में करीब 200 मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने इस्कॉन मंदिर पर हमला कर दिया है। कट्टरपंथी हमलावरों ने इस्कॉन के सदस्य पार्थ दास की बेहद क्रूर तरीके से हत्या कर दी। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उनके शरीर के कई अंगों को बेहद क्रूर तरीके से अलग-अलग कर दिया। इस्कॉन ने एक बयान जारी करके बताया पार्थ दास का शव बाद में मंदिर के पास स्थित तालाब में बरामद किया गया है। इस्कॉन ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंदुओं की सुरक्षा की गुहार लगाई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस्कॉन से जुड़े राधारमण दास ने बताया कि पार्थ दास कल से लापता थे और आज सुबह उनका शव तालाब में तैरता हुआ पाया गया। उन्हें बुरी तरह से पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई। यही नहीं, कट्टरपंथियों ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए उनके शरीर के कई हिस्सों को निकाल लिया था।पार्थ दास अभी 25 साल के ही थे और ईश्वर की भक्ति के प्रति पूरी तरह से समर्पित थे। मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले में मंदिर को भी काफी नुकसान पहुंचा है। हमलावरों ने मंदिर के सामने बने दुर्गापूजा पंडाल को भी तहस-नहस कर दिया। एक दिन पहले ही बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने कई दुर्गा पांडालों पर हमला कर तोड़फोड़ की गई थी। सोशल मीडिया पर यह खबर फैलाई गई कि कोमिला शहर में नानुआर दिघी झील के पास एक दुर्गा पूजा पंडाल में कुरान को कथित तौर पर अपवित्र किया गया। इसके बाद उन्मादियों की भीड़ ने चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली और कॉक्स बाजार के पेकुआ में हिंदू मंदिरों और पांडालों पर हमले शुरू कर दिए। बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई है। जिसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के निर्देश पर 22 जिलों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने वादा किया है कि कोमिला में सांप्रदायिक हिंसा के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने भारत को भी चेतावनी दी है कि उसे भी ऐसा माहौल बनाए रखना होगा, ताकि धार्मिक उन्माद न भड़के।
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