वाराणसी।बनारस रेल इंजन कारखाना में रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत सफल प्रशिक्षुओं को स्व रोजगार टूलकिट एवं प्रमाण पत्र का वितरण करने के लिए समारोह का आयोजन किया गया। बरेका में रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत चार तकनीकी ट्रेडों अर्थात इलेक्ट्रिशियन, फिटर, मशीनिष्ट और वेल्डर के लिए सौ घंटे के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित प्रथम बैच को टूलकिट एवं प्रमाण पत्र वितरण के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ श्री अश्विनी वैष्ण्व, माननीय रेल, संचार, इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा 17.09.2021 को विश्वएकर्मा पूजा के दिन किया गया। रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को उद्योग आधारित प्रशिक्षण प्रदान कर कुशल एवं रोजगार के लिए सक्षम बनाने का प्रयास है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में देश के युवाओं में आत्माविश्वा्स पैदा करने के माननीय प्रधानमंत्री के संकल्प को आगे बढ़ाया जा रहा है। रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम प्रधानमंत्री रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत है, जिसे कौशल विकास एवं उद्यम मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को प्राप्त करने के लिए शुरू किया गया है। पूरे भारत में 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में कुल 50,000 युवा प्रशिक्षित किए जाएंगे। बनारस रेल इंजन कारखाना को रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है। प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन प्रक्रिया का निर्धारण बनारस रेल इंजन कारखाना द्वारा किया गया है। रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षुओं का चयन खुले विज्ञापन के माध्यम से पारदर्शी चयन प्रणाली द्वारा किया गया। प्रशिक्षुओं को 100 घंटे का व्या्वहारिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के पश्चात सभी प्रशिक्षुओं का मानक तरीके से मूल्यांकन किया गया एवं सफल प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र वितरित किया गया। बनारस रेलइंजन कारखाना ने सफल प्रशिक्षुओं को उनके ट्रेड से संबंधित टूलकिट उपलब्ध कराने का अनूठा कदम उठाया। इस टूलकिट से उनकी दक्षता एवं आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। इस टूलकिट से उनको अपने ज्ञान का उपयोग करने में मदद मिलेगी, स्वरोजगार की क्षमता बढ़ेगी साथ ही विभिन्न उद्योगों में उन्हें रोजगार भी मिलेगा।
इस टूलकिट का वितरण कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत औद्योगिक सहभागियों के सहयोग से किया गया।श्री दीपक अग्रवाल, आयुक्त, वाराणसी मंडल एवं श्री कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी, वाराणसी की गरिमामयी उपस्थिति में टूलकिट का वितरण किया गया। इन अधिकरियों ने रेल कौशल विकास योजना से संबंधित सूचनाओं को वाराणसी के आस-पास के क्षेत्र में प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।सूचनाओं का प्रसार वाराणसी के आस-पास के जिलों-चंदौली इत्या्दि के कालेजों में भी किया गया। इससे युवाओं का उत्साह बढ़ा और उन्हें प्रशिक्षण प्राप्ती करने की प्रेरणा मिली। औद्योगिक क्षेत्र से भी उत्साहजनक सहयोग प्राप्त हुआ। दिनांक 13.10.2021 को कुल 54 प्रशिक्षुओं को टूलकिट एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण पूरा करने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए उपयोगी है, इससे उनके ज्ञान में वृद्धि हुई है एवं आत्मविश्वास बढ़ा है। श्री पी.पी.राजू, मुख्य विद्युत इंजीनियर (निरीक्षण) ने अतिथियों का स्वागत किया एवं रेल कौशल विकास योजना के बारे में जानकारी दी। श्री कौशल राज शर्मा ने समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व का क्षण है कि बरेका, माननीय प्रधानमंत्री के कौशल विकास के दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहा है। बरेका द्वारा तकनीकी क्षेत्र में दिया गया प्रशिक्षण काफी सफल रहा है और वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्रों के युवाओं में उत्साह पैदा कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रयास से बड़े पैमाने पर रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कई सरकारी कौशल विकास योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें मौजूदा कारीगरों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण शामिल हैं, जिन्हें पूर्व शिक्षण मान्यता के तहत कौशल प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। रेल कौशल विकास योजना कक्षा शिक्षण और प्रयोगशालाओं तथा कर्मशाला में व्यावहारिक प्रशिक्षण का एक अनूठा संयोजन है। उन्होंने उद्यमिता में सहायक विभिन्न ऋण योजनाओं जैसे मुद्रा आदि के बारे में अवगत कराया। अंत में उन्होंने इस योजना को बढ़ावा देने के लिए बरेका और रेलवे के सभी अधिकारियों और प्रशिक्षकों को बधाई दी। श्री दीपक अग्रवाल ने कहा कि महाप्रबंधक के नेतृत्व में बरेका ने कोविड के समय में सिविल प्रशासन का सक्रिय सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में युवाओं के बीच सबसे बड़ी चुनौती नौकरी की है। उन्होंने कहा कि सभी प्रशिक्षु दृढ़ इच्छा शक्ति, कड़ी मेहनत और सही कौशल से असीम सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अब समय सैद्धांतिक से ज्यादा व्यावहारिक कौशल का है।
रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत बरेका के प्रशिक्षण माड्यूल की विशेषता यह है कि इसमें 70% व्यवहारिक प्रशिक्षण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रशिक्षण में उद्योग की मांग के अनुसार परिवर्तन भी किया जाएगा। आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक कालेजो के साथ बरेका के व्यावहारिक प्रशिक्षण को जोड़ा जा सकता है। डीआईसी एवं बीएचयू में दक्ष प्रशिक्षुओं को अपना उद्यम स्थापित करने के लिए इक्यूबेशन सेन्टर है। इस प्रकार दूसरों के लिए रोजगार सृजन हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह इक्यूबेशन सेन्टर सरकारी योजनाओं एवं उनकी प्रक्रियाओं के बारे में पूरी सूचना उपलब्ध कराते हैं जिसका लाभ प्रशिक्षु उठा सकते हैं। सुश्री अंजली गोयल, महाप्रबंधक, बनारस रेल इंजन कारखाना ने भी समारोह को संबोधित किया।उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी एवं आयुक्त के संदेशों से सरकारी संगठनों एवं विभागों की कार्य प्रणाली में परिवर्तन होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि पाठ्यक्रम में सुधार करते हुए इसमें उद्यमिता योजनाओं, ऋण, एवं इक्यूबेशन सेन्टर को शामिल किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि रेल कौशल विकास योजना कार्यक्रम से प्रशिक्षुओं का आत्म विश्वास मजबूत होगा एवं उन्हें बेहतर रोजगार का अवसर मिलेगा। इसी तरह का व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय रेल के 75 केन्द्रों पर शुरू किया गया है। ट्रेनिंग ट्रेडों के अनुसार विशेष टूलकिट कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत उपलब्ध कराया जा रहा है। इस तरह युवा प्रशिक्षु बरेका से प्राप्त टूल किट एवं प्रशिक्षण का उपयोग भविष्य के उद्यमों मे करेंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि आगामी बैचों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक का नया पाठ्यक्रम भी शुरू किया जाएगा।समारोह में महाप्रबंधक एवं अन्य अतिथियों ने प्रशिक्षुओं से बातचीत किया। कार्यक्रम में समस्त विभागाध्यक्ष, कर्मचारी परिषद के सदस्य, एससी एवं एसटी तथा ओबीसी एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित थे । धन्यवाद ज्ञापन श्री रामजन्म चौबे, प्राचार्य, प्रा.प्र.केंद्र ने किया।