अक्सर लोग शुभ कार्यों में पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं। ज्योतिष में भी पीले रंग को खास महत्व दिया गया है। पीले रंग का संबंध गुरु बृहस्पति से भी माना गया है। यह सूर्य के चमकदार हिस्से वाला रंग है। यह मुख्य रंगों का हिस्सा है और यह रंग स्वभाव से गर्म और ऊर्जा पैदा करने वाला होता है। पीले रंग का महत्व रंग पाचन तंत्र, रक्त संचार और आँखों को सीधा प्रभावित करता है।इस रंग के अंदर मन को बदलने की क्षमता होती है।यह बृहस्पति का प्रधान रंग है।यह रंग जीवन में शुभता लाता है।मन को उत्साहित करके नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है।यह नज़र दोष या नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता है।इस रंग के प्रयोग से ज्ञान प्राप्ति में सुविधा होती है साथ ही मन के कुविचार दूर होते हैं।रंग का प्रयोग कहां करें पढ़ने और पूजा के स्थान पर इस रंग का खूब प्रयोग कर सकते हैं।घर की बाहरी दीवारों पर भी पीले रंग का प्रयोग कर सकते हैं।घर के अंदर पीले रंग के हल्के शेड का प्रयोग किया जा सकता है।नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए पीला रुमाल साथ में रखें।हल्दी का तिलक लगाकर मन को सात्विक और शुद्ध रख सकते हैं रखें ये सावधानियां इस रंग के ज्यादा प्रयोग से पाचन तंत्र ख़राब हो सकता है।आँखों और सर में भारीपन की समस्या हो सकती है।यह कभी-कभी अहंकारी भी बना देता है यह रंग कभी कभी निद्रा में भी बाधा देता है।
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