लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय पहले सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के माध्यम से स्वयं अपने संसाधनों का स्व-मूल्यांकन करे तथा उसमें मिलने वाली खामियों का गम्भीरता से निस्तारित करने का प्रयास करें।राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से ग्रेड हासिल करने के लिये मंगलवार को यहां राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के समक्ष हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर ने अपना स्वमूल्यांकन प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें शैक्षणिक गतिविधियों, शिक्षकों की योग्यता और छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय आधारभूत ढांचे के अन्तर्गत विश्वविद्यालय की प्रोफाइल, शैक्षणिक गतिविधियों में विश्वविद्यालय का विजन, स्ववित्तपोषित कार्यक्रम, पार्ट टाइम कोर्स, 5 वर्षो में शुरू किये गये कोर्स, सिलेबस रिवीजन, प्रोजेक्ट वर्क, अभिभावकों, छात्रों व शिक्षाविदों का फीडबैक सिस्टम, शैक्षणिक कार्य दिवस, पदों की स्थिति, छात्र शिक्षक अनुपात, शिक्षकों की योग्यता, फैकल्टी डवलेपमेंट कार्यक्रम, रेमेडियल एवं व्रिज कोर्स शोध कार्य रिसर्च पब्लिकेशन, पुस्तकालय एवं उसमे छात्रों की उपस्थिति, छात्रों का ड्रापआडट रेट, छात्रों के लिये वित्तीय सहयोग, सह शैक्षणिक गतिविधियां, परीक्षा परिणाम नेट आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन, प्रशासन एवं नेतृत्व क्षमता आदि विषयों पर गम्भीरता पूर्वक अपनी प्रोफाइल तैयार करें। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि जिन विश्वविद्यालयों को अच्छा मार्कस मिला है, उनसे चर्चा करें, इससे लाभ अवश्य होगा। उन्होंने कहा कि हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, मेडिकल और एग्रीकल्चर विश्वविद्यालयों के साथ एएमयू करना चाहिए।कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में वित्तीय लेनदेन के लिये चल रहे अनावश्यक एकाउन्ट तत्काल बंद कर दिये जाये, इसके साथ-साथ डिजिटल लॉकर में समस्त डिग्रियों को अपलोड भी करा दिया जाये। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय सामाजिक सरोकारों में भी अपना योगदान दें। विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट करायें तथा विश्वविद्यालय मेडिकल यूनिवर्सिटी के साथ समन्वय करके अपने आसपास के 5 गांवों की महिलाओं का सर्वाइकल कैंसर और कैंसर का टेस्ट करवायें। मेनोपॉज के बारे में कालेज की छात्राओं को भी बताये, इससे वे अपने परिवार की 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं का मार्गदर्शन कर सकेंगी। राज्यपाल ने कहा कि छात्र-छात्राएं को ऊर्जा तथा जल के बचत के लिए भी प्रेरित किया जाए।
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