निर्धन बच्चों के लिए अमर क्रांति फॉउंडेशन साबित हो रहा वरदान

फतेहपुर। शहर के नऊवाबाग स्थित गिहार बस्ती के पिछड़े क्षेत्र में जहां आज़ादी के बाद भी अब तक शिक्षा की जोत नहीं जल सकी थी शहर के अति पिछड़ी आबादी में शिक्षा का अधिकार योजना लागू होने के बाद भी बच्चों तक न तो किसी ज़िम्मेदार अफसर की नज़र पड़ी न ही यहां रहने वाले बच्चों पर किसी सरकारी स्कूल के शिक्षक की निगाह पड़ सकी। अनपढ़ और छोटे मोटे काम करके गुजारा करने वाले अभिभावकों के नौनिहाल संतानों से लेकर किशोर आयु तक के बच्चों तक शिक्षा की अलख जगाने के लिए अमर क्रांति फाउंडेशन ने शुरुआत की है। अमर क्रांति फाउंडेशन की संचालिका सौम्या सिंह पटेल द्वारा अशिक्षित समाज के इन बच्चों को इनकी बस्तियों में जाकर पिछले कई वर्षों से निःशुल्क पाठशाला के माध्यम से शिक्षा देने का कार्य शुरू किया गया। अति निर्धन परिवारों से सम्बंध रखने वाले परिवारों के यह बच्चे जहां सरकार की सभी योजनाओं से अछूते हैं वहीं गरीबी के कारण न तो स्कूल जा पाते है और न ही स्कूलों में होने वाले खर्च को इनका परिवार वहन कर सकता है। ऐसे में अमर क्रांति फॉउंडेशन द्वारा इन नौनिहाल बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए इनकी बस्तियों में भी पाठशाला बनांकर शिक्षा दिलाने का कार्य शुरू किया। बल्कि पाठ्य सामग्री कॉपी, किताब, पेंसिल आदि देकर उनका उत्साहवर्धन भी किया गया। एक वर्ष के अंतराल में ही प्रतिभावान बच्चे न सिर्फ पढ़ने लिखने में निपुण होने लगें। जिसे देखते हुए संचालिका सौम्या सिंह पटेल द्वारा बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए बकंधा स्थित निजी विद्यालय में न सिर्फ प्रवेश करवा दिया बल्कि शिक्षा हासिल करने में परिवार की आर्थिक स्थिति न आड़े आए इसलिए दोनों बच्चो की फीस खुद ही देने का निर्णय लिया है। फाउंडेशन की संचालिका सौम्या सिंह पटेल ने बताया कि निर्धनता के कारण शिक्षा जैसे वरदान से दूर रहने वालों को उनकी बस्ती में जाकर शिक्षा देने का काम कर रहीं है। बच्चो के शिक्षित होने के बाद इनके समाज व बस्ती की दशा बदल जाएगी। परिवार जहाँ मुख्य धारा में आ जायेगा वही बस्ती का रहन सहन भी बदलेगा। निःशुल्क पाठशाला संचालित करने के साथ-साथ समाजसेविका सौम्या पटेल ने समय समय पर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं महिला जागरूकता कार्यशाला का आयोजन भी आयोजन किया जाता है। जिसमें महिलाओं व नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं की जानकारी देने के साथ ही उन्हें जागरुक भी किया जाता है।