ओवर रेटिंग बना अवैध कमाई का जरिया

प्रतापगढ़। जिला आबकारी अधिकारी प्रतापगढ़ शराब के धंधे में किसी भी शिकायत पर एक माहिर खिलाड़ी की तरह कार्रवाई के नाम पर लीपापोती करते हैं। जनपद प्रतापगढ़ में बड़े-बड़े शराब माफियाओं की कमर टूटने के बाद अब ओवर रेटिंग से कमाई का जरिया आबकारी विभाग के भ्रष्ट और बेईमान अफसर बना लिए हैं। जनपद प्रतापगढ़ में कई सालों से तैनात आबकारी विभाग का एक शातिर बाबू पहले भी इन्हीं शराब माफियाओं को संरक्षण देता था। आज भी दे रहा है।    जनपद में खुलेआम शराब की दुकानों पर शराब खरीदने वाले ग्राहकों से खुलेआम ओवर रेटिंग का खेल किया खेला जा रहा है। ओवर रेटिंग जैसे गंभीर मैटर पर आबकारी विभाग के भ्रष्ट अफसर ध्यान ही नहीं देते। इससे लगता है कि आबकारी विभाग की मिलीभगत से ओवर रेटिंग का खेल जनपद प्रतापगढ़ में शराब के कारोबारी और उनके मझे एजेंट कर रहे हैं। यह खेल पूरे जनपद में हो रहा है। इसका खुलासा नगर पालिका क्षेत्र स्थित महुली वार्ड में खुली वियर की दुकान पर हुआ। क्योंकि वियर की दुकान पर बैठा एजेंट प्रिंट रेट से 10 रु अधिक लेकर वियर को बेंच रहा था। केवल यहीं नहीं जिले में कई जगह ऐसा ही होता है। पूरे जनपद में वियर ठंडा करने के नाम पर ओवर रेटिंग का खेल खेला जा रहा है, फिर भी ओवर रेटिंग पर आबकारी विभाग मौन है।जिले के आबकारी महकमें पर तमाम कार्यवाहियों के बाद भी उनमें सुधार नहीं हो सका। अभी तक जिले में नकली शराब का निर्माण करवाने में आबकारी विभाग के भ्रष्ट अफसर संलिप्त थे। शासन के हंटर से मार खाने के बाद आबकारी विभाग के भ्रष्ट अफसर अब जिले में शराब की दुकानों से ओवर रेटिंग कराकर लाखों रूपये का वार न्यारा कर रहे हैं। राजा भईया के आगे पीछे घूमने वाले उनके समर्थक जो शराब का कारोबार करते हैं और उनके नाम को बदनाम करते हैं। राजा भईया के नाम जनपद प्रतापगढ़ में जब कोई शराब की दुकान का ठेका नहीं है तो कोई शराब की दुकान का एजेंट राजा भईया का नाम लेकर ओवर रेटिंग के लिए इलाके में उनके नाम की दहशत क्यों पैदा करना चाहता है ? राजा भईया के नाम के सहारे अब जनपद प्रतापगढ़ में शराब के कारोबारी अपने एजेंट के जरिये ओवर रेटिंग का खेल खेल रहे हैं। अधिक पैसे कमाने के चक्कर में  प्रतापगढ़ के शराब कारोबारी जो क्षेत्रीय विधायक और सांसद के साथ रहते हैं और स्वयं को स्वयंभू समर्थक कहते हैं, उनके द्वारा जनपद भर में ओवररेटिंग का खेल खेला जा रहा है। अंग्रेजी शराब और वियर की दुकानों पर लोग लूटे जा रहे हैं। आबकारी इंस्पेक्टरों की निगरानी में शराब के शौकीन लोगों की जेब पर डकैती डाली जा रही है। आबकारी विभाग के इस खेल से अक्सर शराब के ठेकों पर विवाद होता है। सभी आबकारी इंस्पेक्टरों का आबकारी विभाग का एक बाबू गैंग लीडर है। मोटी रकम देकर ट्रांसफर रुकवाने के बाद जिले भर को डील कर रहा है। आबकारी बाबू ने चंद सालों में आकूत संपत्ति अर्जित कर ली है। ओवररेटिंग में 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की वसूली का सिंडीकेट जनपद में कार्य कर रहा है। दुकानदार खुलेआम विभाग के भ्रष्ट अफसरों को मिलाकर ओवर रेटिंग कर रहे हैं।