नई दिल्ली । ज्यादातर प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को बनाने के लिए सफेद चीजों जैसे नमक, चीनी, मैदा, अजीनोमोटो, चावल और आलू का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। खास बात ये है कि प्रोसेस्ड फूड में इन सभी चीजों की मात्रा बहुत खतरनाक स्तर तक होती है। इनका ज्यादा सेवन न केवल कैंसर, टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा, हार्ट अटैक , ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का कारण बन रहा है, बल्कि व्यक्ति की उम्र कम से कम 10 साल कम हो रही है। तो चलिए जानते हैं उन 5 सफेद खाने वाली उन चीजों के बारे में , जिनका ओवरयूज खतरनाक है और ये कैसे आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर्स अक्सर सफेद चीजों को खाने की मनाही क्यों करते हैं। सच तो ये है कि इसका रंग से कोई लेना देना नहीं है। बल्कि ज्यादातर खाने वाली सफेद चीजें रिफाइंड और प्रोसेस्ड होती हैं, जो इसके पोषक तत्वों को कम या खत्म कर देती हैं। ये खाद्य पदार्थ मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और इंसुलिन असंवेदनशीलता जैसी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सफेद खाद्य पदार्थों के ग्रुप में चीनी सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। रिफाइंड शुगर यानी चीनी को एम्प्टिी कैलारी भी कहते हैं।प्रोसेस्ड और रिफाइंड चीनी में कोई खास क्वालिटी नहीं होती। बल्कि नली में पहुंचते ही यह ग्लूकोज और फ्रुक्टोज में ब्रेक हो जाती है। जो लोग मेहनत नहीं करते, उनके शरीर में यह फैट के रूप में जमा हो जाती है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। इतना ही नहीं लिवर की समस्या, इंसुलिन प्रतिरोध के अलावा डेंटल प्रॉब्लम और कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्या के लिए भी यह जिम्मेदार है। वहीं ज्यादातर भारतीय घरों में चावल बनाए जाते हैं। कुछ लोगों को तो चावल खाने का इतना ज्यादा शौक होता है कि वो इसके बिना खाने की कल्पना तक नहीं कर सकते। अब समस्या यह है कि जिन ज्यादातर घरों में चावल परोसा जाता है, वह सफेद होता है। इसकी रिफाइनिंग प्रोसेस में भूसी और रोणाणु को हटा दिया जाता है, जिसके चलते इसमें मौजूद पोषक तत्व कम हो जाते हैं। अध्ययनों में बताया गया है कि सफेद चावल का सेवन टाइप -2 डायबिटीज में वृद्धि से जुड़ा हुआ है। जो लोग चावल के बिना नहीं रह सकते उनके लिए ब्राउन या फिर रेड राइस का ऑप्शन बेस्ट है। कोई भी आपको पूरी तरह से नमक छोडऩे के लिए नहीं कहता, क्योंकि ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। पर्याप्त सोडियम और क्लोराइड दोनों की आपूर्ति नमक से ही की जाती है। लेकिन जब आप बहुत अधिक मात्रा में सोडियम खाते हैं, तो यह आपके शरीर में पानी की मात्रा पर असर डालता है। इससे ब्लड वेसेल्स डैमेज हो जाती हैं। ज्यादा नमक खाने से शरीर में जमा होने वाला पानी ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है। इतना ही नहीं, यह आपकी हड्डियों को कमजोर करता है और पेट के अल्सर और कैंसर का कारण भी बन सकता है। इसलिए रोजाना के खाने में 1 छोटा चम्मच नमक लेना काफी है।इसमें सफेद आटे से बने सभी खाद्य पदार्थ जैसे व्हाइट ब्रेड, केक, बिस्कुट और पेस्ट्री शामिल है। जब गेहूं के आटे को रिफाइंड किया जाता है, तो इस प्रकिया से उनके फाइबर, गुड फैट, विटामिन, मिनरल और फाइटोन्यूट्रिएंट्स के दाने निकल जाते हैं। कुल मिलाकर गेहूं से मैदा बनाने की प्रकिया में इसमें मौजूद सभी पोषक तत्व लगभग खत्म हो जाते हैं। प्रोसेस्ड फूड से भरपूर आहार ट्राइग्लिसराइड में वृद्धि और अच्छे एचडीएल की कमी का कारण बन सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे का कारण भी बनता है। हर किसी की पसंदीदा सब्जी में एक सफेद खाद्य पदार्थ जरूर होता है वह है सफेद आलू। जो सिर्फ वजन बढ़ाता है। दरअसल, सफेद आलू स्टार्च और कार्ब से भरपूर होते हैं। समस्या ये है कि या तो आलू को डीप फ्राई किया जाता है या मक्खन और क्रीम के साथ मैश किया जाता है। ये दोनों ही स्थितियां खतरा पैदा कर सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जरूरत से ज्यादा तले हुए आलू का सेवन करने से कैंसर और डायबिटीज का जाखिम बढऩे में देरी नहीं लगती। अगर आप इनका सेवन करना ही चाहते हैं , तो मैदा से बने खाद्य पदार्थ आप हफ्ते में मात्र एक बार टेस्ट के लिए खाएं, जबकि हर दिन केवल 5 चम्मच चीनी का सेवन ही पर्याप्त है। बता दें कि स्वस्थ रहने के लिए आपके भोजन में पोषक तत्वों का होना जरूरी है। लेकिन बदली हुई जीवनशैली में हमारे खाने की खराब आदतों के चलते पोषक तत्वों की मात्रा में कमी आने लगी है। न चाहते हुए भी हम फास्ट फूड, चाइनीज, प्रोसेस्ड फूड का सेवन कर ही रहे हैं। वो भी थोड़ा नहीं बल्कि बहुत ज्यादा। यह हमारी सेहत के लिए खतरनाक है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post