नई दिल्ली । लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के ही कुछ लोगों ने उनके पिता को दिल्ली में बंधक बना लिया है। तेज प्रताप ने कहा कि यह उन लोगों ने किया है जो खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना पाल चुके हैं। तेज प्रताप ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना छोटे भाई तेजस्वी की ओर है। उन्होंने कहा भी कि सभी जानते हैं नाम लेने से क्या लाभ। कभी एक दूसरे को ‘कृष्ण और अर्जुन’ की जोड़ी बताने वाले भाइयों के बीच मतभेद की पहले भी खबरें आई हैं। तेज प्रताप अपने नवगठित संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की पटना में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। कार्यशाला का आयोजन ‘राजनीति सीखो, नेतृत्व करो’ विषय पर किया गया था। इस मौके पर उन्होंने अपने पुराने संगठन धर्म निरपेक्ष स्वयं सेवक संघ (डीएसएस) का विलय भी परिषद में करने की घोषणा की। उन्होनें कहा कि राजद को जनता से दूर कर दिया गया है। पिताजी रहते थे तो हमारे घर का दरवाजा खुला रहता था। वह आउटहाउस में बैठे रहते थे और जनता से मिलते जुलते रहते थे। लेकिन, अब कुछ लोगों ने क्या किया? जनता से मिलने के लिए रस्सा बंधवाया जाता है। लोग चाहते हैं कि जनता हमसे दूर रहे। कहा कि लालू प्रसाद दिल्ली में हैं। मैने उनसे मिलकर पटना चलने का आग्रह किया। हमने कहा कि हम साथ साथ रहेंगे। लेकिन हमारे पिता को आने नहीं दे रहे हैं। बंधक बना कर रखे हैं दिल्ली में। पिता जी को जेल से आये हुए साल भर होने जा रहा है। तेजप्रताप यादव ने कहा कि पार्टी में जो काम हो रहा है उससे संगठन बढ़ेगा नहीं, बल्कि टूट जायेगा। ऐसे काम नहीं चलने वाला है। पिता जी अस्वस्थ चल रहे हैं इसलिए हम कोई प्रेशर नहीं देना चाहते हैं। वे बीमारी से जूझ रहे हैं। कुछ लोग इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं। इसके पहले भी तेजप्रताप एक कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के खिलाफ काफी कुछ बोल चुके हैं। बाद में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के आसपास रहने वाले लोग उनसे मिलने नहीं देते हैं। दो भाइयों में ये लोग दरार पैदा कर रहे हैं। उसके बाद वह दिल्ली गये तो लगा कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन तेज प्रताप के नये आरोपों से यह साफ होने लगा कि अब लालू प्रसाद के परिवार की लड़ाई नये मोड पर पहुंच चुकी है।
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