कांग्रेस में मचे घमासान पर सलमान खुर्शीद की सलाह- पार्टी नेता बैठ कर संवाद करें

नई दिल्ली । कांग्रेस में आंतरिक कलह की वजह से पार्टी अपने ही नेताओं के निशाने पर है। हाल ही में दिग्गज पार्टी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कांग्रेस पार्टी में तर्कपूर्ण विमर्श ना होने को लेकर अपनी लाचारी जताई थी। अब पार्टी के एक और नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि पार्टी नेताओं के बीच बातचीत होनी चाहिए। सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘चिदंबरम जी आइए हम सब मिलकर बातें करें.. आपस में वार्ता करें आप जैसे बुद्धिमान लोग शांत ना रहें जिन लोगों ने कपिल सिब्बल के घर के आगे नारेबाजी की, हम उनसे वार्ता भी कर सकते हैं उनकी बात भी सुन सकते हैं हम कार्यकर्ताओं से आपसी संवाद स्थापित कर सकते हैं क्योंकि हमारे संगठन के लिए यह बहुत जरूरी है. जब हम उनसे बात करेंगे तो हमें पता चलेगा कि हमारी गलती क्या है हम सब के बारे में तो बहुत कुछ कहते हैं, लेकिन हमें यह भी देखना पड़ेगा कि हम क्या कर रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सलमान खुर्शीद ने एक फेसबुक पोस्ट लिख कर अपनी बात कही थी। उन्होंने लिखा था कि नए मुख्यमंत्री के बनने के बाद उम्मीद की किरण जगी हैं, चीजे नियंत्रण से बाहर हो गई थीं। पंजाब के बारे में अपनी राय रखते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें यह लगातार प्रार्थना करना चाहिए वहां जो भी आपसी मतभेद है उसे सुलझा लिया जाएगा और पार्टी अगली बार फिर से यहां सत्ता में आए। आपको बता दें कि पंजाब कांग्रेस में जारी संकट को लेकर कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी के बाद अब पी चिदंबरम ने भी को सलाह दी थी। पी चिदंबरम ने गुरुवार को एक ट्वीट करते हुए कहा था कि जब हम पार्टी मंचों के भीतर सार्थक बातचीत शुरू नहीं कर पाते हैं तो मैं असहाय महसूस करता हूं। इसके साथ-साथ चिदंबरम ने कपिल सिब्बल के घर के सामने हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर भी आवाज उठाई है। दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बुधवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा, ”हम “जी हुजूर 23″ नहीं हैं। यह बहुत स्पष्ट है। हम बात करते रहेंगे। हम अपनी मांगों को दोहराना जारी रखेंगे।” आपको बता दें कि कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, उन 23 पार्टी नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष को एक पत्र लिखा था। उस पत्र में कई संगठनात्मक सुधारों की मांग की गई थी।