बडी कंपनियों में वर्क फ्राम होम का चलन हो सकता है खत्म

नई दिल्ली। देश में बहुत सी बडी कंपनियों के स्टाफ के लिए वर्क फ्राम होम का चलन खत्म हो सकता है। इन कंपनियों में प्रोक्टर एंड गैंबल, विप्रो, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, यस बैंक और डेलाइट जैसी शीर्ष कंपनियां शामिल हैं। कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले करीब डेढ़ साल से कंपनियां अपने स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दे रही हैं लेकिन अब कंपनियां अपने स्टाफ को दफ्तर बुलाने पर विचार कर रही हैं।कोरोना संकट को रोकने के लिए किये गए लॉकडाउन में कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम ट्रेंड लागू करना पड़ा। लॉकडाउन तो हट गया लेकिन कोविड19 का डर अभी भी है। कई कंपनियों के ऑफिस खुल चुके हैं और कर्मचारियों को ऑफिस से काम करने को कहा गया है। कई लोग ऐसे हैं जो ऑफिस से काम करना पसंद कर रहे हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें घर से काम करना ही सुविधाजनक और सुरक्षित लग रहा है। ऐसे में कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को अगले कुछ महीनों के लिए आजादी दी है कि वे चाहें तो ऑफिस से काम करें या फिर चाहें तो वर्क फ्रॉम होम जारी रखें। अगर बात बैंक, एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों की करें तो वह अपने स्टाफ को दफ्तर बुलाने में सबसे अधिक दिलचस्पी ले रही हैं। एचडीएफसी लिमिटेड के एक अधिकारी ने कहा, “इस समय हमारे दफ्तर में 100 फ़ीसदी स्टाफ उपलब्ध हैं। संबंधित राज्य सरकारों के आदेश के हिसाब से यह काम किया जा रहा है। हमने गर्भवती महिलाओं, महिला स्टाफ और छोटे बच्चों वाली महिला स्टाफ को घर से काम करने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही 65 साल से अधिक उम्र के स्टाफ, गंभीर बीमारी से जूझ रहे स्टाफ और कंटेनमेंट जोन से आने वाले स्टाफ को भी वर्क फ्राम होम की इजाजत दी गई है।”कोटक महिंद्रा बैंक को अनुमान है उसके जिस स्टाफ को टीका लग चुका है, उनमें से 90 फीसदी नवंबर-दिसंबर में दफ्तर आना शुरू कर सकते हैं। बता दें ‎कि कई कंपनियां अब अपने स्टाफ का वैक्सीनेशन करा चुकी हैं। इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमण के मामले भी कमा रहे हैं इस वजह से अब कंपनियां चरणबद्ध तरीके से अपने स्टाफ को दफ्तर बुलाने पर विचार कर रही हैं। देश में कई कंपनियों ने कोरोनावायरस संकट से पहले के लेवल पर कामकाज शुरू कर दिया है। अन्य कंपनियां अपने अधिक से अधिक स्टाफ को दफ्तर बुलाकर काम कराना चाहती हैं।