इमाम हुसैन के शहादत की मिसाल नहीं: अली अब्बास

जौनपुर सिराजे हिंद की गंगा जमुनी तहजीब को अपने आगोश में समेटे और हिंदू मुस्लिम एकता की प्रतीक अहियापुर इमाम दरगाह के तत्वाधान में कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में सबिहे जुलजना व ताबूत अलम मुबारक निकाला गया जुलूस में आये सेवागारो ने कोविड-19 का पालन करते हुए अंजुमन शमशीर ए हैदरी सदर इमामबाड़ा नौहा ख्वानी मातम कर आंसुओं का नजराना इमाम हुसैन को पेश किया। अंत में मौलाना अली अब्बास ने खिताब करते हुए कर्बला के दिल सोच मंजर को ऐसा दर्शाया कि चारों ओर से लोग चीख पुकार करने लगे मौलाना ने कहा कि इंसान को अपनी लीडर पढ़े लिखे लोगों और इंसान पसंद लोगों को चुनना चाहिए। जिससे वह लीडर इंसान को सही रास्ता दिखा सके। मजलिस के बाद सबिहे ताबूत बरामद हुआ। अंत में सैयद हातिम अली ने लोगों का आभार प्रकट किया। इस दौरान सबीहुल हसन मुशाहिद हुसैन जैगम अब्बास मेराज अली आरिफ रिजवी शरीफ रिजवी जुल्फिकार अली सैफ अली आदि मौजूद रहे।