जौनपुर। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रज्जू भइया संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में ओज़ोन परत क्षरण एवं इसके प्रभाव पर व्याख्यान हुआ। मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रा0े बलराम पाणि ने कहा कि ओज़ोन परत वातावरण के समताप मंडल में एक महत्वपूर्ण परत है। यह ओज़ोन परत पर्यावरण को हानिकारक पराबैंगनी किरणों से सुरक्षित रखता है। विभिन्न हानिकारक रसायन इस परत को क्षति पहुँचा रहे है। मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरो कार्बन, क्लोरीन इस परत का क्षरण कर रहे है। इस रसायनों का मुख्य स्रोत एसी, फ्रिज और अन्य उपकरणों में प्रयोग होने वाले शीतलक की मुख्य भूमिका है। प्रो.0 पाणि ने कहा कि बढ़ता तापमान ग्लोबल वार्मिंग बहुत बड़ी चुनौती है, इसके कारण से पर्यावरण शरणार्थी की समस्या पैदा हो रही है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेन्द्र कुमार ने कहा ओज़ोन परत को क्षरण से बचना बहुत आवश्यक है। प्रो बी बी तिवारी ने कहा कि ओज़ोन परत क्षरण का मानव स्वास्थ्य पर बुरा पड़ रहा है। इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक प्रो. देवराज सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ नितेश जायसवाल ने किया द्य धन्यवाद ज्ञापन डॉ नीरज अवस्थी ने किया । इस अवसर पर डॉ प्रमोद कुमार यादव, डॉ मिथिलेश यादव, डॉ आशीष वर्मा, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ पुनीत धवन, दिनेश कुमार वर्मा, डॉ धीरेन्द्र चैधरी, सौरभ कुमार, दीपक मौर्य व बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थिति रहे।
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