समता, समरसता की पुण्य भूमि है श्रृंगवेरपुर धाम-मण्डलायुक्त

प्रयागराज।श्रृंगवेरपुर धाम समता, समरसता की वह पुण्य भूमि है, जहां पर प्रभु श्रीराम ने निषादराज को गले लगाकर समानता का संदेश दिया था। मण्डलायुक्त गुरूवार को श्रृंगवेरपुर धाम में दो दिवसीय रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस पवित्र धाम के सर्वांगीण विकास के लिए मा० मुख्यमंत्री जी एवं मा० उपमुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशों के क्रम में कार्य किये जा रहे है। इस स्थल पर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार द्वारा विभिन्न परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, इसे और विकसित करने के दृष्टिगत पर्यटन विभाग द्वारा लगभग १४.५ करोड़ की लागत से निषाद राज पार्क का निर्माण तथा लगभग ९.५ करोड़ की लागत से संध्या एवं राम चैरा घाट के मध्य पाथवे का निर्माण भी कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त भगवान श्रीराम और निषादराज की गले मिलते हुए मूर्ति की स्थापना तथा लगभग ५.५ करोड़ की लागत से राम शयन स्थल एवं वीर आसन सीतापुर कुंड का पर्यटन विकास तथा सभी जगह पर सोलर लाइट एवं साईंनेज की व्यवस्था भी कराई जा रही है। इस अवसर पर उन्होंने जहां सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ किया वहीं पूरे शास्त्रीय और वैदिक विधि विधान से मां गंगा का पूजन भी किया। संस्कृति विभाग की ओर अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ० लवकुश द्विवेदी एवं रामायण मेला की ओर से अध्यक्ष डॉ० बाल कृष्ण पाण्डेय ने मण्डलायुक्त का स्वागत किया। मण्डलायुक्त को संस्कृति विभाग की ओर से अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री उमेश चन्द्र द्विवेदी के द्वारा किया गया।