बाढ़ के पानी से कई गांव जलमग्न

प्रतापगढ़। पट्टी क्षेत्र के मंगरौरा ब्लॉक मलाक गंगापुर ग्रामसभा में बीते तीन दिनों की बारिश व नदी के बाढ़ से दो गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। बीते तीन दिनों की बारिश व चमरौडा दो मुंहा नदी के बीच में स्थित दो गांव चिगुड़ा व पीथापुर  पूरी तरह से जलमग्न होने से लोग परेशान हैं। इसी प्रकार चमरौड़ा दोमुंहा नदी के बाढ़ व बारिश के प्रकोप से लगभग दर्जनों गांव प्रभावित हैं, परंतु दो गांव के लोगों का तो बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है।उक्त नदी व बाढ़ की समस्या को देखते हुए विगत चार वर्ष पूर्व ही विधायक निधि से  सरायशकंर व ड्यूहिया का पुल निर्मित हुआ था, परन्तु बाढ़ के कारण दर्जनों  गांव के लोगों को आवागमन के लिए इन दोनों पुलों की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उक्त दोनों गांव टीकरमाफी, भादर,कालिकन एवं ढेगहां से होकर आने वाली दोनों नदी सरायशंकर पुल के पहले ही ये दोनों नदी के बीच में स्थित है। उक्त दोनों पुल इस गांव से दूर होने के कारण गांव के लोगों ने पहले की तरह ही पीथापुर में नदी पर बांस व बल्ली का  दो पुल बनाया था। नदी के भयंकर बाढ़ व बारिश के पानी से नदी के समीप बना बांध व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बनाया हुआ पीथापुर का बांस व बल्ली के बनाये गए दोनों पल बह गए। चिगुड़ा के आधा दर्जन घरों तक पानी पहुँच गया है । आस- पास  पानी  लबालब भरा हुआ है । पीथापुर व चिगुड़ा निवासी  पीड़ित परिवार के कृपाशंकर तिवारी, उमाशंकर तिवारी, दयाशंकर तिवारी,राममूरत शर्मा,विवेक तिवारी,अनीता तिवारी, गोलू तिवारी, सत्यप्रकाश तिवारी,गायत्री देवी, मिन्टू, अजय तिवारी व संजय तिवारी आदि का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। इन पीड़ितों ने मांग की है कि हम लोगों को राहत पैकेज व घर से बाहर आने जाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नाव का प्रबंध कराया जाय। यदि जिला प्रशासन ने नहीं ध्यान दिया तो उक्त गांवों में भुखमरी व महामारी की बीमारी फैलने  से गांव के लोगों का बचना  मुश्किल हो जायेगा। विगत दो वर्ष पहले 2019 में उक्त नदी की बाढ़ व बारिश में इसी तरह से पूरा गांव जलमग्न हुआ था।  उस समय गांव में ग्रामीणों की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन ने एक नाव व दो नाविक का  प्रबंध कराया था। यह गांव पट्टी तहसील व कोहड़ौर थानांतर्गत एवं मंगरौरा ब्लाक के मलाक गंगापुर ग्रामसभा का है।