बांदा। मौसमी बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। विभाग टीम भेजकर लोगों को जागरूक कर रहा है वहीं जनपद में अब तक डेंगू के 7 मामले आ चुके हैं। शुक्रवार को शहर के सेढू तलैया में स्वास्थ्य टीमों ने घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया।मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीके तिवारी ने बताया कि बारिश के मौसम में डेंगू का कहर बढ़ जाता है। लेकिन इन दिनों लगातार हो रही बारिश और जल भराव से खतरे को और बढ़ा रहा है। उन्होंने बताया कि एडीज़ प्रजाति के मच्छर के काटने से डेंगू होता है। इनके डंक द्वारा व्यक्ति के शरीर में फ्लैवी वायरस प्रवेश कर जाते हैं और वहां पहुंचकर इनकी संख्या तेजी से बढ़ने लगती है। इससे बचाव बेहद जरूरी है। इसलिए पानी और जूस जैसे लिक्विड्स लेते रहने से मरीज जल्दी रिकवर होता है। इस मौसम में पानी उबालकर पीना चाहिए। उन्होंने बताया कि बहुत सीरियस होने पर पीड़ित व्यक्ति को इंट्रावेनस फ्लूइड या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दिया जाता है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और प्लेटलेट ट्रांस्फ्यूजन द्वारा भी उपचार किया जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए इसके लक्षण की पहचान बहुत जरूरी है। मच्छर काटने के बाद चार से सात दिनों के भीतर तेज या हल्का बुखार आना, आंखों और सिर में दर्द, जी मिचलाना, पेट में दर्द, त्वचा पर लाल रैशेज़ और मांसपेशियों में दर्द, ब्लड का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है, जिसकी वजह से शरीर के किसी भी हिस्से से ब्लीडिंग होने लगती है यह सभी डेंगू के लक्षण हो सकते हैं।
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