कैलिफोर्निया । अमेरिका के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के अध्ययन में सामने आया कि जंगल की आग के धुएं का गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे पर विपरीत असर हो सकता है। आशंका है कि 7000 बच्चे समय से पहले पैदा हो सकते हैं। स्टडी में 2006 से साल 2012 के बीच 10 लाख गर्भवती महिलाओं पर धुएं के संभावित प्रतिकूल असर का पता लगाया गया। ऐसे बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में परेशानी आ सकती है। ये स्टडी इस महीने एंवायनमेंटल जनरल में पब्लिश भी हुई है।इस स्टडी के प्रमुख लेखक सैम हेफ्ट और नील ने कहा, ‘हमने पाया कि एक सप्ताह का धूम्रपान जोखिम (इन स्तरों पर) 5 फीसदी बढ़े हुए जोखिम से जुड़ा था। एक महीने प्रीमेच्योर बर्थ में 20फीसदी की वृद्धि हुई।’स्टडी में इस नतीजे पर पहुंचा गया कि धूम्रपान और वायु प्रदूषण के छोटे कण यानी पीएम 2.5 का मानव शरीर पर गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव पड़ता है। इसमें दिल का दौरा, स्ट्रोक और अस्थमा से लेकर मानसिक बीमारी तक शामिल हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में 2008 में 2,000 प्रीमेच्योर बर्थ के लिए जंगल में लगी आग के धुंए को जिम्मेदार ठहराया गया है। बता दें कि उत्तर-पश्चिम को लॉस एंजिलिस से जोड़ने वाले हाइवे का 70 किमी हिस्सा आग के कारण बंद कर दिया गया है। 30 किमी दायरे में धुएं का गुबार है। डिक्सी में इस साल आग से 10 लाख एकड़ से ज्यादा जंगल जल चुका है। अमेरिका में हर साल जंगल में आग की 7 से 10 हजार घटनाएं होती हैं। रिसर्चर्स ने कैलिफोर्निया में जंगल की आग के धुएं के जोखिम पर प्रत्येक ज़िप कोड के लिए जन्म रिकॉर्ड को जोड़ा। उन्होंने पाया कि गर्भावस्था के दौरान एक मां जितने अधिक दिनों तक जंगल की आग के धुएं के संपर्क में रही, उसके समय से पहले जन्म होने की संभावना उतनी ही अधिक थी। मध्यम से गंभीर जोखिम स्तरों के प्रभाव काफी खराब थे।
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