लंदन ।पशु कार्यकर्ता ग्रुप द्वारा समुद्र के किनारे मरीं पड़ीं सैकड़ों डॉल्फिन का वीडियो शेयर करने के बाद पर्यावरणविदों में हाहाकार मच गया है। डेनमार्क के फरो आइलैंड्स में 1400 से अधिक डॉल्फिन के शिकार के बाद मचे बवाल के बीच ही इस ग्रुप द्वारा मृत डॉल्फिन का वीडियो शेयर किया गया है। इन डॉल्फिन से इतना खून निकला है कि इससे समुद्र का किनारा तक लाल रंग का दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में डॉल्फिन का शिकार फरो आइलैंड्स में आयोजित होने वाले “ग्रिंड” नामक एक पारंपरिक हंटिंग इवेंट के दौरान हुआ है। ब्रिटेन के एनिमल वेलफेयर ग्रुप ने 12 सितंबर को डॉल्फिन के शिकार की तस्वीरें पोस्ट की थीं।ग्रुप ने बताया कि शिकारियों ने पहले डॉल्फिन के झुंडों को घेरकर उथले पानी की ओर खदेड़ा और बाद में चाकू और दूसरे नुकीले हथियारों से उन्हें मार डाला। इस दौरान डॉल्फिन से निकले खून के कारण समुद्र तट का पानी लाल दिखाई देने लगा। 13 सितंबर को फेसबुक पोस्ट में पशु कार्यकर्ता ने इस शिकार के दौरान 1428 डॉल्फिन को मारने का आरोप लगाया है। शिकार की हत्या के बाद उसके मांस को ये शिकारी खाते हैं। लेकिन इस एनिमल वेलफेयर समूह का दावा है कि डॉल्फिन की संख्या इतनी ज्यादा है कि इनके मांस का पूरा उपयोग नहीं किया जा सकता है।इसकारण शिकारियों ने अनावश्यक रूप से इन डॉल्फिन का शिकार किया है।फिरोली व्हेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि यह एक बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में डॉल्फिन का शिकार करना सही नहीं है। फरो आइलैंड्स के एक समुद्री जीवविज्ञानी बजरनी मिकेलसेन ने कहा कि यह फरो आइलैंड्स में दर्ज की गई डॉल्फिन की अब तक की सबसे अधिक हत्या है। इससे पहले 1940 में रिकॉर्ड 1200 डॉल्फिन की हत्या की गई थी। सी शेफर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 463 लंबे पंख वाले पायलट व्हेल और 35 अटलांटिक वाइड शेड्स डॉल्फिन की हत्या हुई थी। ग्रिंड एक परंपरागत शिकार का नाम है। यह परंपरा आज से सैकड़ों साल पहले शुरू की गई थी। यह कार्यक्रम सुदूर फरो आइलैंड्स पर आयोजित किया जाता है, जो स्कॉटलैंड और आइसलैंड के बीच आधे रास्ते में स्थित एक डेनिश क्षेत्र है।
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