प्रयागराज।भारतीय रेल अपने पूरे नेटवर्क के १०० फीसदी विद्युतीकरण के लक्ष्य से तीव्र गति से कार्य कर रही है। उत्तर मध्य रेलवे जो भारतीय रेल के महत्वपूर्ण घटक के रूप में राष्ट्र के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों को उत्तरी भाग तक महत्वपूर्ण संपर्क प्रदान करती है, अपने खंडों के विद्युतीकरण के लिए तीव्र गति से प्रयासरत है। ज्ञात हो कि, उत्तर मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण ट्रंक मार्ग पहले से ही विद्युतीकृत हैं, और इन के अलावा, शाखा लाइनों पर शेष खंडों को भी तीव्र गति से विद्युतीकृत किया जा रहा है।१०० फीसदी विद्युतीकरण के इस लक्ष्य को हासिल करने के क्रम में, उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल के अतिव्यस्त पं. दीनदयाल उपाध्याय जं- गाजियाबाद खंड से जुड़े २७ किलोमीटर लंबे उंचडीह से मेजा थर्मल पावर प्लॉंट मार्ग को विद्युतीकृत कर दिया गया है। इस क्रम में ०७.जून २०२१ को इलेक्ट्रिक पावर के साथ मेजा ऊर्जा निगम पावर लिमिटेड साइडिंग में लोड का प्लेसमेंट किया गया। यह रेक इलेक्ट्रिक पावर नंबर ६०००३ एRE ेंAउ १२ द्वारा उंचडीह से पावर प्लांट की साइडिंग में प्लेस किया गया। गाड़ी वायाडक्ट होते हुए एनटीपीसी पहुंची तथा खाली होने के बाद डाउन लूप लाइन में रिसीव की गई। नए विद्युतीकृत मार्ग पर इसको १२:०५ बजे उंचडीह स्टेशन से रवाना किया गया और इसका एनटीपीसी आगमन १३:१५ बजे हुआ।ज्ञात हो कि, इसके पूर्व मेजा ऊर्जा निगम पावर लिमिटेड साइडिंग में केवल डीजल पावर से रेक प्लेसमेंट हुआ इससे वैगन टर्नअराउंड में सुधार होगा। इस विद्युतिकरण कार्य से न केवल रेल नेटवर्क पर कोयले का परिवहन निर्बाध त्वरित रूप से सुनिश्चित हो सकेगा और कर्षण बदलने की आवश्यकता का भी समाधान होगा बल्कि समय व ऊर्जा की भी बचत होगी। इसमें स्पष्ट रूप से डीजल पावर से प्लेसमेंट के क्रम में शंटिंग में ३० से ३५ मिनट लग जाता था, वह अब नहीं लगेगा।इस कार्य से परिचालन क्षमता बढ़ेगी, लाइन क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों की औसत गति में सुधार होगा। रेल मार्गों के विद्युतीकरण से आयातित पेट्रोलियम ईंधन के उपयोग में कमी आएगी और इनसे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी भी आएगी।
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