फतेहपुर। गणपति बप्पा मोरिया की धूम के साथ गणेश महोत्सव का आगाज हो गया। मंदिरों और देवालयों में गणेश प्रतिमाएं भी स्थापित हुईं। सार्वजनिक स्थानों में कोविड-19 गाइड लाइन के चलते मूर्ति स्थापना नहीं हुई। गणेश भक्तों ने विधि-विधान के साथ अपने अराध्य की आराधना की। शुक्रवार से 19 सितंबर तक चलने वाले गणेश महोत्सव के पहले दिन भक्तों ने चंदन, सिंदूर, अक्षत फूल, मोदक व धूप-दीप के साथ गणेश जी की पूजा-अर्चना की। गंगाजल से प्रतिमाओं का जलाभिषेक किया गया। पूजन में मिट्टी की प्रतिमा का महत्व ज्यादा देखने कोे मिला। घरों में प्लास्टिक आफ पेरिस के बजाए मिट्टी की बनी प्रतिमाएं स्थापित कर पूजी गईं। तांबेश्वर मंदिर, दुर्गा मंदिर, कालिकन मंदिर में भी भक्तों ने पहुंचकर अपने अराध्य को नमन किया। कोरोना संक्रमण के चलते सार्वजनिक स्थानों पर पूजा-अर्चना पर रोक लगने के कारण जगह-जगह सजने वाले पंडाल इस बार नहीं दिखाई दिए। गणेश महोत्सव को लेकर पुलिस व प्रशासन भी अपने स्तर पर जुटा रहा।
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