वॉशिंगटन। चीन और रूस की बढ़ती नौसैनिक ताकत से जूझ रहे अमेरिका ने समुद्र में अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए रोबोट युद्धपोत बनाना शुरू कर दिया है।इतना ही नहीं इस रोबोट युद्धपोत ने पहली बार मिसाइल दागने में भी सफलता हासिल की है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक उसके दो प्रोटोटाइप रोबोट युद्धपोत में से एक ने पहली बार अपनी किलर मिसाइल को दागा है।इस मानवरहित युद्धपोत रेंजर से दागा गया था। यह परीक्षण कैलिफोर्निया के तट पर हुआ। सेना ने इस ‘गेम चेंजिंग’ करार दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि असली ‘गेम चेंजर’ उस समय देखने को मिलेगा जब रेंजर या एक अन्य मानव रहित युद्धपोत को व्यापक कमांड एंड कंट्रोल तथा डाटा नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। यह नेटवर्क युद्ध के दबाव की तरह से काम करता है।अमेरिकी नौसेना भविष्य की चुनौतियों को देखकर बड़े पैमाने पर मानवरहित युद्धपोत को अपने बेडे़ में शामिल करना चाहती है।हालांकि यह काफी महंगे हैं। जो बाइडन प्रशासन की घोषणा के मुताबिक 77 से लेकर 140 मानवरहित युद्धपोतों और सबमरीन को शामिल किया जाना है। अमेरिका अपने युद्धपोतों की कुल संख्या को 321 से लेकर 372 के बीच में रखना चाहता है।इसकारण मानवरहित युद्धपोतों का परीक्षण शुरू हो गया है। अमेरिकी नौसेना अभी दो और प्रोटोटाइप को खरीदने की योजना बना रही है। ये रोबोट युद्धपोत 175 फुट लंबे हैं और अत्याधुनिक कंप्यूटर तथा संचार उपकरणों से लैस हैं। इन्हें बिना इंसानों के चलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल होता है।इन्हें अमेरिका की दिग्गज कंपनी रेथियान ने बनाया है।ये दोनों ही रोबोट युद्धपोत करीब 4000 समुद्री मील की यात्रा कर चुके हैं। ये युद्धपोत अपने आप पनामा नहर से निकल गए थे। इस युद्धपोत पर एसएम-6 मिसाइलों को तैनात किया गया है। अगर यह अमेरिकी प्रयोग सफल रहता है,तब आने वाले समय में पूरी दुनिया रोबोट युद्धपोत की ओर बढ़ सकती है। इससे युद्ध का नक्शा ही बदल सकता है।
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