चीन को गधों का निर्यांत करने पाकिस्तान ने लगाई पहली की प्रजनन क्षमता बढ़ाने की ‘फैक्ट्री’

इस्लामाबाद । गधा एक ऐसा जानवर है जिसकी उपयोगिता केवल सामान लादने के लिए की जाती है पर इसके निर्यात उसका प्रजनन बढ़ाना सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता हैं। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने इस आइडिया पर काम शुरू कर दिया है। सरकार इसके लिए एक योजना लेकर आई है और ओकारा शहर में गधों का पहला ‘ब्रीडिंग फार्म’ स्थापित किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पंजाब सरकार गधों की कुछ बेहतरीन नस्लों को पालने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और अन्य देशों में गधों की मांग बढ़ रही है इसीलिए यह फार्म स्थापित किया गया है। पंजाब सरकार इन देशों को गधों का निर्यात करना चाहती है। ब्रीडर्स ने फार्म में अपना काम शुरू कर दिया है। चीन अपने देश में गधों की घरेलू मांग को पूरा करने में असमर्थ है जबकि उसे दुनिया में गधों के सबसे बड़े प्रजनकों में से एक के रूप में जाना जाता है। अब सवाल यह कि चीन इतनी बड़ी संख्या में गधों के साथ क्या करता है?कई लोगों का मानना है कि चीनी गधों का मांस खाते हैं इसलिए इनकी मांग चीन में ज्यादा है। 2019 में आई एक रिपोर्ट से पता चलता है कि चीन पारंपरिक चिकित्सा में गधों की खाल के इस्तेमाल के लिए इन पशुओं को मार रहा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि 2019 से अगले पांच सालों में दुनिया के आधे गधों का सफाया हो जाएगा। चीन को एक साल में 4.8 मिलियन गधों की जरूरत होती है ताकि वह जिलेटिन आधारित पारंपरिक दवा की मांग को पूरा कर सके, जिसे इजियाओ कहा जाता है। अनुमान लगाया गया था कि इस गति से दुनिया के 44 मिलियन गधों की आबादी अगले पांच सालों के भीतर आधी हो जाएगी। 1992 के बाद से चीन में गधों की आबादी में 76 फीसदी की गिरावट आई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश चैरिटी डंकी सेंचुरी ने गधों की घटती आबादी को रोकने के लिए फार्म का समर्थन किया है क्योंकि इस जानवर की प्रजनन क्षमता बहुत धीमी है।