वाराणसी। पधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी में खिलाड़ियों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा हैं। शहर के संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में बिना कोच के खिलाड़ी सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। हॉकी से लेकर हैंडबॉल तक के ग्राउंड बनाए गए हैं, लेकिन कोरोना काल के बाद से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए यहां कोच नहीं है। ऐसे में ये खिलाड़ी बिना कोच के ही अपने भविष्य को संवारने में लगे हैं।हॉकी के राष्ट्रीय प्लेयर बिलसात खां ने बताया कि यहां खेलने के लिए ग्राउंड तो है, लेकिन खिलाड़ियों का भविष्य संवारने के लिए कोच नहीं है। इसके अलावा खिलाड़ियों को यहां खेल का सामान भी प्रशासन की ओर से उपलब्ध नहीं हो पाता। अक्सर ग्राउंड में घासों की कटाई भी नहीं होती, जिससे खिलाड़ियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हैंडबॉल प्लेयर शुभम सरोज ने बताया कि स्टेडियम में यदि कोच होते तो यहां के खिलाड़ी भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं। खिलाड़ियों के इन समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरएन सिंह ने बताया कि कोरोना काल से पहले शासन स्तर से 6 अस्थायी कोच की नियुक्ति की गई थी। लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। खिलाड़ियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हम लोग सीनियर प्लेयर की मदद से उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं। सवाल ये है कि आखिर बिना कोच ओलंपिक का सपना देखने वाले ये खिलाड़ी कैसे अपना भविष्य संवारेंगे।
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