प्रयागराज।उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के महिला अध्ययन केंद्र ने गुरुवार को सोरांव विकासखंड स्थित विश्वविद्यालय द्वारा अंगीकृत गोहरी ग्राम में महिला शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में समन्वयक प्रोफेसर रुचि बाजपेई ने महिलाओं एवं अन्य उपस्थित ग्रामीणों का स्वागत करते हुए महिला अध्ययन केंद्र की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। सह समन्वयक डॉ मीरा पाल ने महिलाओं की पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया। जिससे महिलाएं स्वरोजगार के द्वारा स्वावलंबी और सशक्त बन सकें। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से महिलाएं सूक्ष्म, लघु कुटीर उद्योगों जैसे सिलाई, कढ़ाई, बुनाई तथा अन्य शिल्पकलाओं, घरेलू कौशल आदि द्वारा आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं। डॉ पाल ने विश्वविद्यालय के कौशलपरक तथा रोजगार उन्मुख कार्यक्रमों के विषय में ग्रामीण महिलाओं को मार्गदर्शन दिया। श्री राजेश गौतम ने भी महिलाओं में शैक्षिक जागरूकता लाने के लिए उन्हें विविध प्रकार की जानकारियों से अवगत कराया। महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक और शिक्षकों ने ग्रामीणों को कोविड-१९ महामारी से रोकथाम हेतु मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि के प्रयोग हेतु जागरूक किया और प्रतिभागी महिलाओं तथा बच्चों को मास्क भी वितरित किए। विश्वविद्यालय के शैक्षिक कार्यक्रमों की जानकारी के लिए प्रवेश विवरणिका प्रदान की गई। शिक्षा और स्वावलंबन के प्रतीक रूप में प्रतिभागियों तथा सदस्यों को कलम भेंट की गई। गोहरी ग्राम में आत्मनिर्भरता हेतु स्वरोजगार की दिशा में कुछ जागरूक महिलाएं अपने द्वारा बनाई गई सामग्री भी लेकर आई थी। जिसका महिला अध्ययन केंद्र के सदस्यों ने अवलोकन किया तथा उनके उत्साहवर्धन के लिए उनकी खरीदारी भी की। सहायक समन्वयक डॉ साधना श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे हम अपनी झिझक दूर कर सकते हैं और अपनी बातों तथा अधिकारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकते हैं। इस अवसर पर ग्रामीण महिलाओं और बालिकाओं में विशेष उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर ग्राम प्रधान चमेला देवी, शिवपूजन डॉ अतुल मिश्र डॉ शिवेंद्र प्रताप सिंह तथा राजेश कुमार गौतम आदि उपस्थित रहे।
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