प्रयागराज । बच्चियों की उम्र १० और १२ साल। बेटा आठ साल का था। इसमें कोई मासूम नहीं था, जिसे गोद में लेकर या हाथ पकड़कर कोई महिला तालाब में छलांग लगा दे। बेटियां तो समझदार भी थीं। ऐसे में रेनू यादव तीनों बच्चों के साथ रात में आखिरकार कैसे तालाब में कूदी। इतना ही नहीं, सास से झगड़े के बाद जब वह घर से निकली और रातभर नहीं आई तो स्वजनों ने उनकी खोजबीन भी नहीं की। पुलिस को भी सूचना नहीं दी गई। इसी वजह से इस घटना को सुनियोजित कत्ल की वारदात करार दिया जा रहा है।यह भी कहा जा रहा है कि विवाद के बाद रेनू ने फोन पर मायके वालों के साथ ही नैनी में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी कर रहे पति से भी बातचीत की थी। तब पति ने कहा था कि वह सुबह आकर देखेगा। मगर कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि पति ने रेनू से मकान खाली करने के लिए कहा था। महिला का ससुराल वालों के साथ पति से भी मतभेद था, आत्महत्या जैसी घटना के पीछे यह वजह किसी के गले से नहीं उतर रही है। उधर, मायके वालों ने ससुरालीजनों पर हत्या का आरोप लगाया है। उसके आधार पर दहेज की खातिर रेनू व उसके बच्चों का कत्ल किया है। हालांकि दहेज के मामले में आमतौर पर महिला के साथ ही घटना होती है, बच्चों के साथ नहीं होना पाया गया है। पुलिस सास से विवाद के बाद आत्मघाती कदम उठाने की बात तो कह रही है, लेकिन विवाद किस बात को लेकर हुआ था। ऐसे कई सवाल हैं, जिसका जवाब नहीं मिल रहा है। इसी वजह से मायके वालों ने इस घटना में ससुरालियों के खिलाफ कत्ल का केस लिखाया है जिसकी छानबीन की जा रही है।तीन बच्चों संग महिला की मौत के बाद रविवार शाम को इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें एक बुजुर्ग महिला, जिसे रेनू के परिवार का सदस्य बताया जा रहा है। वह बता रही है कि गोरे नामक शख्स रात में टार्च और लाठी लेकर पहाड़ी की तरफ गया था। कुछ देर बात वापस लौटा तो दरवाजे पर बैठकर काफी देर तक रोता रहा। उसने लोगों से यह भी कहा कि सब कुछ तबाह हो गया था। गोरे कौन है और वह पहाड़ी की तरफ क्या करने गया था। इसका भी पुलिस अब तक पता नहीं लगा सकी है।पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि रेनू का पति शिवकरन नैनी स्थित एक शैक्षणिक संस्थान में बतौर प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। शनिवार रात वह नैनी में था। रविवार सुबह अपने साले के साथ गांव पहुंचा था। हालांकि शनिवार रात उसकी अपने पत्नी से क्या-क्या बात हुई थी। यह भी साफ नहीं हो सका है। पुलिस का कहना है कि परिवार शोक में है, जिस कारण ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी।रेनू ने अपने बच्चों के साथ आत्महत्या की है या उसका कत्ल किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही यह पता चल सकेगा। हालांकि पुलिस ने जब शवों को तालाब से बाहर निकाला था, तब उसके शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं पाया गया।मगर पोस्टमार्टम में यह साफ हो जाएगा। सभी के शवों का पोस्टमार्टम सोमवार को होगा।रक्षाबंधन के त्योहार पर तीन बच्चों और महिला की मौत से परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। कल्पना और वर्तिका अपने छोटे भाई गोलू के हाथ में राखी भी नहीं बांध पाईं। गोलू भी बहनों के साथ काल के गाल में समा गया। रेनू भी अपने भाई के कलाई पर नेह का धागा नहीं सजा सकी।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post