लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि राज्य में माफियाओं से जब्त जमीनों पर दलितों और गरीबों के लिए मकान बनवाये जायेंगेे। उन्होंने विपक्ष को खरीखोटी सुनाते हुए कहा कि हम माफियाओं को सिर पर ढोते नहीं चलते। सरकार ने उनकी 1500 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां जब्त कर ली हैं। गरीबों को लूटकर सम्पत्ति बनाने वालों के यहां बुल्डोजर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से जुटाई गई माफियाओं की हर संपत्ति सरकार जब्त करेगी।मानसून सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री एवं नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने अनुपूरक बजट को लेकर विपक्ष द्वारा लगाये गये आरोपों का उत्तर देते हुए कहा कि गुंडों के कब्जे से मुक्त कराई जा रही जमीनों पर सरकार उन गरीबों-दलितों के लिए आवास बनाएगी, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि आर्थिक योजनाओं और आर्थिक प्रगति का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को भी मिलना चाहिए। हमने बिना किसी भेदभाव के अपनी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम किया। कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली महामारी है जिसमें एक भी गरीब भूखा नहीं मरा। हमें महामारी को तो स्वीकार करना होगा नहीं तो बीमारी के उपचार के लिए और बीमारी से बचाव के लिए कोई अभियान आगे नहीं बढ़ पाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष को तो गरीबों को अन्न दिया जाना भी बुरा लग रहा है। झोलों में अनाज वितरण को भी गरीबों का मजाक बता दिया। यह साफ दिख रहा है कि विपक्ष को जमीन पर चलने की आदत नहीं है।विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले विपक्ष के लोग अयोध्या की तरफ झांकते नहीं थे लेकिन आज हर कोई कह रहा है कि राम हमारे हैं। आज हर व्यक्ति कह रहा राम-राम। आज लोग कहते हैं हम राम-कष्ण के भक्त हैं। 2013 से पहले लोग कहते थे कि हम कंस की मूर्तियां लगाएंगे, हमने उनकी मानसिकता बदली। पहले राम, कृष्ण शंकर सब उनके लिए सांप्रदायिक थे, अब समाज के कारण सब भक्त बन गए हैं। ब्रज क्षेत्र में जो लोग कंस की प्रतिमा लगाने का दावा कर रहे थे, जिनके लिए राम कृष्ण साम्प्रदायिक होते थे, अब दण्डवत होकर कह रहे हम भी भक्त हैं। हालात यह है कि आज सबकी टोपियां उतर गईं हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन कुछ लोग बेशर्मी के साथ तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। वहीं लोग दूसरी तरफ महिलाओं के उत्थान की बात करते हैं। ऐसे लोगों की सच्चाई सामने आनी चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में दो-तीन लाख करोड़ रुपए का बजट ऊंट के मुंह में जीरे की तरह थी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के अंदर बजट का दायरा काफी बढ़ गया। वर्ष 2015-16 में ढाई लाख करोड़ रुपए का बजट आता था। 2016-17 में 2.40 लाख करोड़ का बजट आया। आज हम करीब छह लाख करोड़ रुपए तक बजट के दायरे को पहुंचाने में सफल रहे हैं। बड़ी सोच और बड़े कार्यों के साथ बजट का दायरा भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि संकीर्ण सोच से विराटता की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रदेश के अंदर बिना किसी भेदभाव के न जाति, न मत-मजहब, न क्षेत्र न भाषा, सबका साथ-सबका विश्वास के आधार पर जो कार्यक्रम किए उसका नतीजा ये रहा कि बजट का दायरा बढ़ गया। पिछले पांच वर्ष के दौरान प्रदेश के अंदर प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश की जीएसटी भी पांच वर्ष पहले 10-11 लाख करोड़ के आसपास थी आज 20-21 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में हम कहां थे। आबादी में नंबर एक होने के बावजूद जातीय-सांप्रदायिक दंगों, भ्रष्टाचार, विकास में पीछे रहने के कारण अर्थव्यवस्था में छह नंबर पर था। पिछले साढ़े चार वर्षों के परिश्रम के चलते उत्तर प्रदेश आज देश में नंबर दो पर है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस से सरकारी नौकरी के साथ-साथ निजी क्षेत्र में नौजवानों के अवसर बढ़े हैं। व्यवसाय की सुगमता क्या होनी चाहिए इस पर हमने व्यापक संशोधन किए, नीतियां बनाई जिसके परिणाम सामने हैं। अगर दुनिया में भारत निवेश का सबसे अच्छा देश है, तो देश में उत्तर प्रदेश सबसे अच्छा गंतव्य है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में उ.प्र. 16वें स्थान से दूसरे स्थान पर आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने सबके लिए काम किया। अब तक यूपी में सात करोड़ लोगों के टेस्ट हुए। छह करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। रोज चार लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। यूपी में रिकवरी रेट सबसे अच्छा है।
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