प्रयागराज । देश में कई राज्यों में लगातार बारिश का कहर लगातार जारी हैं। इसके चलते नादियां उफान पर आ गई हैं और कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। उत्तर प्रदेश और बिहार में नदियां के बढ़े जलस्तर ने बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। गंगा-यमुना का जल स्तर अपने उफान पर है जिसकी वजह से इसके तट पर बसे शहरों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। प्रयागराज के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। कई स्थानीय लोग अब बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति भयंकर हो गई है जिसकी वजह से लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। दरअसल, कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके चलते लोगों के सामने खाने-पीने की परेशानी खड़ी हो गई है। हालांकि प्रशासन की ओर से नाव के जरिए लोगों तक पानी की बोतल और खाने के पैकेट बांटे जा रहे है। भगवान भोलेनाथ की नगरी वाराणसी में भी गंगा रौद्र रूप में है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है। गांव की भी हालत खराब हो रही है।बाढ़ के ऐसे हालात देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद वाराणसी का दौरा कर चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वहां की स्थिति का जायजा लिया है। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर है। वहीं, बिहार में भी राजधानी पटना और आसपास के इलाके बाढ़ की चपेट में है। कई शहरी इलाकों में पानी घुस गया है। पटना और सारण के कई इलाकों में बाढ़ का पानी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन इलाकों का दौरा कर रहे हैं और राहत और बचाव कार्य पर जोर दे रहे हैं। पटना में सबसे बुरा हाल दियारा का है। इसके अलावा अकिलपुर और हेतमपुर गांव भी बाढ़ की चपेट में है। सारण जिले के भी कई गांव गंगा के जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ की चपेट में है। घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। दूसरी ओर महाराष्ट्र में भी मूसलाधार बारिश जारी है। महाराष्ट्र का रायगढ़ जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। महाराष्ट्र में 20 और 21 जुलाई के दौरान आई बाढ़ की वजह से अब भी रायगढ़ का कई इलाका क्षतिग्रस्त है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के भी कई इलाके में बाढ़ का पानी देखने को मिल रहा है। जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। राहत और बचाव कार्य जारी है। इन सबके बीच स्थानीय लोगों का पलायन भी लगातार हो रहा है। वाराणसी, प्रयागराज और पटना तथा बिहार के कई इलाकों में बाढ़ की चपेट में आए गांव में पलायन का खतरा बढ़ गया है।