नयी दिल्ली | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत शांति प्रिय देश है लेकिन राष्ट्र धर्म की रक्षा के मूल्यों पर चलते हुए देश कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार है भले ही इसके लिए उसे कोई भी कीमत चुकानी पड़े।श्री सिंह ने आज स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा , “प्यारे सैनिकों, भारतवर्ष की सभ्यता प्राचीन काल से ही शांतिप्रिय रही है परंतु शक्ति के बिना शांति संभव भी नहीं है। हमारे यहाँ कहा भी जाता है अहिंसा परमोधर्मः धर्महिंसा तथैव च। यदि अहिंसा हमारा परम धर्म है तो राष्ट्र धर्म की रक्षा भी उतना ही प्रासंगिक! अतः देश की रक्षा में हम सदैव कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहेंगे, भले ही उसके लिए कोई भी मूल्य चुकाना पड़े! ”उन्होंने कहा कि देश में शांति और समृद्धि बने रहने के लिए आवश्यक है कि आप जल, थल, नभ चाहे जहाँ भी हों, राष्ट्र की रक्षा में सदैव सचेत और सजग रहें। कृतज्ञ राष्ट्र परिवार एवं परिजनों से दूर देश की सेवा में तत्पर आपके इन महान कर्तव्यों की सदैव प्रशंसा करता है।जम्मू कश्मीर और पूर्वी लद्दाख में स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “ हमारी सजगता एवं अदम्य पराक्रम के कारण गत एक वर्ष में जम्मू एवं काश्मीर में नियंत्रण रेखा पर परिस्थितियां नियंत्रण में रहीं हैं। फरवरी 2021 के बाद युद्ध विराम उल्लंघन भी कम हुआ है। सीमा पार से घुसपैठ पर सेना और सैन्य सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण रोक लगी है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ आपसी बातचीत के द्वारा मतभेदों को सुलझाने का प्रयास जारी है। मतभेद वाले कुछ स्थानों पर सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी की जा चुकी है।”
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