नई दिल्ली । भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों ने तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक अभियान के दम पर विश्व रैंकिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल कर लिया है। पुरुष टीम तीसरे और महिला टीम आठवें स्थान पर आ गई है। भारतीय पुरुष टीम ने ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर 41 साल के पदक सूखे को खत्म किया था। वह स्वर्ण पदक विजेता बेल्जियम और रजत पदक हासिल करने वाली आस्ट्रेलिया से पीछे है। हॉकी इंडिया के अनुसार भारतीय पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, यह उस खेल के प्रति हम सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा है जिसे हम सभी प्यार करते हैं,इस खेल ने हमें सब कुछ दिया है। रैंकिंग और 41 साल बाद ओलंपिक पदक से भारतीय हॉकी के बढ़ने की शुरुआत हुई है। अब पीछे मुड़कर नहीं देखना, हमने अपने लिए मानदंड स्थापित कर दिया है और हम इससे आगे बढ़ना ही चाहते है।पुरुष टीम ने जहां कांस्य हासिल किया, वहीं महिला टीम पदक से चूकी और तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ में ब्रिटेन से हार का सामना कर वह चौथे स्थान पर रही। महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा, ‘हम पोडियम पर पहुंचने के बहुत करीब थे जो टीम को काफी दुख दे रहा है कि हम ऐसा नहीं कर पाए। हालांकि अच्छी चीज है कि हमने हाल के वर्षों में शानदार प्रगति की है और मुझे इस पर गर्व है। उन्होंने कहा,तोक्यो ओलंपिक में शीर्ष चार में रहना और विश्व रैंकिंग में आठवें स्थान पर पहुंचना हमारे लिए बहुत बड़ी चीज है, जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है और इससे हमें आगे बढ़ने में निश्चित रूप से मदद मिलेगी। पुरुष टीम एफआईएच हॉकी प्रो लीग के दूसरे चरण के पहले तीन राउंड में शानदार प्रदर्शन के बूते पिछले साल मार्च में चौथे स्थान पर थी। वहीं महिला टीम की इससे पहले सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग नौंवा स्थान थी जब उसने 2018 में लंदन में विश्व कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इससे टीम शीर्ष रैंकिंग की एशियाई टीम बनी थी और उसने जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।
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