नयी दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन योजना ईपीएस-95 के पेंशनधारकों की पेंशन वृद्धि तथा चिकित्सा सुविधा समेत कई मांगों के निपटारे के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को निर्देश दिये हैं।श्री मोदी ने गुरुवार शाम को ईपीएस-95 के पेंशनधारकों के संगठन राष्ट्रीय संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कहा कि इस विषय पर राष्ट्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल से पहले भी चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कहा,“ समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है लेकिन आप लोग व्यथित न हो।“ इस दौरान प्रधानमंत्री ने श्री सिंह को इस विषय पर प्रतिनिधिमंडल से विस्तार पूर्वक चर्चा करने के निर्देश दिये।समिति के अध्यक्ष अशोक राउत ने शुक्रवार को यहां बताया कि प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार श्री सिंह ने सांसद हेमा मालिनी की उपस्थिति में प्रतिनिधिमंडल के तर्कों और तथ्यों को सुना। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ भी प्रतिनिधिमंडल की बैठक करायी गयी।श्री सिंह से मुलाकात के दौरान ने प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पेंशनधारकों की मांगों को शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। इसके लिए ईपीएफओ के पास पर्याप्त मात्रा में धनराशि है। सरकार ने जिस प्रकार से अन्य पेंशन योजनाओं में अपना अंशदान बढ़ाया है, उसी प्रकार से ईपीएस-95 पेंशन योजना में सरकार को अपना अंशदान बढ़ाना चाहिए।समिति ने बताया कि सांसद हेमा मालिनी की अगुवाई में समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय में श्री मोदी से भेंट की। प्रधानमंत्री को पेंशन वृद्धि की मांग सहित चार सूत्री ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में 15 अगस्त 2021 काे लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन में ईपीएस-95 के पेंशनधारकों के लिए पेंशन वृद्धि की घोषणा करने की मांग की गयी।श्री राउत ने पेंशनधारकों की दयनीय दशा का जिक्र करते हुए कहा कि इससे समिति के मुख्यालय बुलढाणा, महाराष्ट्र में पिछले 956 दिनों से जारी क्रमिक अनशन भी समाप्त हो सकेगा। ईपीएस पेंशनधारकों की माँग है कि उन्हें न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये एवं महंगाई भत्ता प्रतिमाह दिया जाए और वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा साथ ही चिकित्सा सुविधा भी मान्य हो।
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