अफगानिस्तान में तालिबान का खौफ, हर सप्ताह लगभग 30 हजार लोग देश छोड़ कर भाग रहे

जेनेवा । तालिबान के खौफ से अफगानिस्तान धीरे-धीरे उजड़ने लगा है।संयुक्त राष्ट्र ने द.अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जाहिर की है कि यहां संघर्ष के बीच 10 हजार लोग फंसे हुए हैं, जबकि हर सप्ताह लगभग 30 हजार लोग अफगानिस्तान छोड़कर भाग रहे हैं।लोग अवैध तरीकों से सीमा पार करने के लिए तस्करों की भी मदद ले रहे हैं। संरा मानवाधिकार आयोग ने कहा कि दक्षिणी हेलमंद और कंधार में संघर्ष के बीच इन दोनों प्रांतों की राजधानियों लश्कर गाह और कंधार तथा पड़ोसी जिलों में रहने वाले लोगों को शांत क्षेत्रों में ले जाया गया।नागरिकों के हताहत होने, रिहायशी घरों और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान या क्षतिग्रस्त होने की खबरें हैं।संरा और उसके मानवीय सहयोगी जरूरतों का आकलन कर रहे हैं और लोगों तक सहायता पहुंचा रहे हैं।आयोग ने कहा कि कंधार में 2000 से अधिक लोगों तक भोजन, पानी, स्वच्छता और नकद सहायता पहुंचाई गई। संरा के मुताबिक अफगानिस्तान में इस वर्ष की शुरुआत से अभी तक करीब 360,000 लोगों को संघर्ष के कारण विस्थापित होना पड़ा है। वहीं वर्ष 2012 से अभी तक लगभग 50 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। अफगानिस्तान के कई जिलों में तालिबान ने अपना कब्जा कर लिया है। अफगान विदेश मंत्रालय के अनुसार तालिबान ने 193 जिला केंद्रों और 19 सीमावर्ती जिलों पर कब्जा कर लिया है। तालिबान द्वारा की गई हिंसा में यहा 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। तालिबान के आतंक से परेशान होकर लोगों ने अफगानिस्तान छोड़कर दूसरे देशों में जाना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इस साल अब तक लगभग 330,000 लोग अफगानिस्थान से विस्थापित हुए हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा लोग अपने घरों को छोड़कर इसकारण भाग गए, क्योंकि अफगानिस्तान से अब विदेशी सैनिकों की वापसी हो रही है। कई लोगों ने शिविरों में जाकर शरण ली है और अस्थायी टेंटो में लोगों की बाढ़ आ गई है। हजारों लोग पूरी तरह देश छोड़ने के लिए पासपोर्ट और वीजा सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।कई लोग अवैध तरीके से सीमा पार करने के लिए तस्करों की मदद लेने की कोशिश में लगे हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन के मुताबिक मई में अंतरराष्ट्रीय सैनिकों वापसी शुरू हुई है और उसी के बाद से अवैध रूप से सीमा पार करने वाले अफगानों की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, कम-से-कम 30 हजार लोग अब हर हफ्ते पलायन कर रहे हैं।