काबुल । तालिबान के भीषण हमलों से थर्राए अफगानिस्तान ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी उनके देश में तबाही मचा रहे हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमर ने तालिबानी के आक्रामक मंसूबों को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की। विदेशी राजनयिकों से मुलाकात के दौरान हनीफ अतमर ने बताया कि अफगानिस्तान में जारी हिंसा में अब तक 3000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और तीन लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि विदेश मंत्री हनीफ ने बताया कि तालिबान के आतंकी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अलकायदा, ईस्ट तुर्केस्तान इस्लामिक मूवमेंट, अंसारुल्लाह आदि के 10 हजार आतंकियों के साथ मिलकर अफगानिस्तान में भारी तबाही मचा रहे हैं। अफगान विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की और अफगान संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की ताकि तालिबानी हिंसा को रोका जा सके।हनीफ ने ऐसे समय पर भारतीय विदेश मंत्री को फोन किया जब काबुल में अफगानिस्तान के रक्षामंत्री के आवास पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले में 10 लोग मारे गए हैं। हनीफ ने भारतीय राजदूत को भी अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात और लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान के बीच गठजोड़ के बारे में बताया। अफगानिस्तान ने सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की गुहार ऐसे समय पर लगाई है, जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाली है। हनीफ ने अफगानिस्तान में भारत के भूमिका की तारीफ की। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और ज्यादा भूमिका निभाने की मांग की। उन्होंने कहा पाकिस्तान से सटे स्पिन बोल्डाक इलाके में 100 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी गई और लड़कियों को जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया है। इसके अलावा तालिबान के नियंत्रण वाले इलाके में 300 सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह कर दिया गया। तालिबान आतंकियों ने ग्रामीण इलाकों पर कब्जा करने के बाद अब शहरी इलाकों में अपने हमले को तेज कर दिया है।
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