लखनऊ ३१/०७उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की वर्ष २०२१ की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट का परीक्षाफल घोषित कर दिया गया ,जिसमें हाईस्कूल में ९९.५३ और इण्टरमीडिएट में ९७.८८ प्रतिशत बच्चे सफल रहे हैं।माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने आज शाम यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष २०२१ की हाईस्कूल परीक्षा में २९,९६,०३१ तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षा में २६,१०,२४७ इस तरह कुल ५६,०६,२७८ परीक्षार्थी पंजीकृत हुये थे। उन्होंने बताया कि रिजल्ट बनवाने में एनआईसी का भी सहयोग रहा।श्री पांडेय ने बताया कि वर्ष २०२१ की हाईस्कूल परीक्षा में कुल २९,९६,०३१ परीक्षाथियों में से २९,८२,०५५ परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। हाईस्कूल का उत्तीर्ण प्रतिशत ९९.५३ है। इन परीक्षाथियों में १६,७६,९१६ बालक तथा १३,१९,११५ बालिकायें हैं, जिनमें से १६,६८,८६८ बालक तथा १३,१३,१८७ बालिकायें उत्तीर्ण हुई हैं। बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत ९९.५२ तथा बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत ९९.५५ है। सम्पूर्ण परीक्षाथियों में बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत बालकों के उत्तीर्ण प्रतिशत से ०.०३ अधिक है। ८२,२३८ परीक्षाथियों को सामान्य प्रोन्नति दी गयी है।निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने बताया कि वर्ष २०२१ की इण्टरमीडिएट परीक्षा में कुल २६,१०,२४७ परीक्षाथियों में से २५,५४,८१३ परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इण्टरमीडिएट का उत्तीर्ण प्रतिशत ९७.८८ है। इन परीक्षाथियों में १४,७४,३१७ बालक तथा ११,३५,९३० बालिकायें हैं, जिनमें से १४,३७,०३३ बालक तथा ११,१७,७८० बालिकायें उत्तीर्ण हुई हैं। बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत ९७.४७ तथा बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत ९८.४० है। सम्पूर्ण परीक्षाथियों में बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत बालकों के उत्तीर्ण प्रतिशत से ०.९३ अधिक है। ६२,५०६ परीक्षाथियों को सामान्य प्रोन्नति दी गयी है।श्री पाण्डेय ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-१९) के कारण शिक्षण कार्य बाधित होने के फलस्वरुप छात्र/छात्राओं के लिए वर्चुअल क्लासेस की व्यवस्था दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चौनल ई-विद्या-९, ई-विद्या-११, विभागीय यूटयूब चैनल, दीक्षा एप एवं ई-पाठशाला आदि विविध माध्यमां से करायी गयी। इसके साथ ही प्रधानाचार्यों, शिक्षकों एवं विद्याथियों को जोड़ने के लिए व्हाटसएप ग्रुप बनाकर वर्चुअल माध्यम से शिक्षण कार्य सम्पादित कराया गया। कोरोना से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों में शिक्षण कार्य बाधित होने के फलस्वरुप छात्र/छात्राओं के शैक्षिक पाठ्यक्रम में ३० प्रतिशत की कमी की गयी।उन्होंने विद्यालयों में नियमित पठन पाठन सुचारु रुप से संचालित किये जाने के लिए १९ अक्टूबर २०२० से विद्यालय खोले गये। छात्र/छात्राओं के पठन पाठन की तैयारियों के आंकलन के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद के शैक्षिक पंचांग में प्रथम बार प्री-बोर्ड परीक्षा कराये जाने की व्यवस्था निर्धारित की गयी। माह फरवरी २०२१ में इण्टरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षायें सम्पादित करा ली गयीं। कोरोना की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के फलस्वरुप छात्र हित में माध्यमिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा संचालित विद्यालयों में शैक्षिक सत्र २०२०-२१ के लिए कक्षा-१० एवं १२ की बोर्ड परीक्षा निरस्त करने का निणय लिया गया था।निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने बताया कि हाईस्कूल की लिखित परीक्षा कें अंको के आगणन के लिए कक्षा-९ की वार्षिक लिखित परीक्षा के प्राप्तांक तथा कक्षा-१० की प्री-बोर्ड लिखित परीक्षा के प्राप्तांक को सम्मिलित करते हुये परीक्षाफल तैयार कराया गया। उन्होंने बताया कि इण्टरमीडिएट की लिखित परीक्षा कें अंको के आगणन के लिए प्रत्येक परीक्षार्थी के कक्षा-१० की बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक, कक्षा-११ की वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक (वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक उपलब्ध न होने पर कक्षा-११ की अद्र्धवार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक) तथा कक्षा-१२ की प्री-बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक को सम्मिलित करते हुये परीक्षाफल तैयार कराया गया।उन्होंने बताया कि वर्ष २०२१ की परीक्षा में मेरिट लिस्ट तैयार नहीं की गई है। अनुत्तीर्ण परीक्षाथियों की संख्या में अनुपस्थित एवं विदहेल्ड परीक्षार्थी (जिन परीक्षाथियों के अभिलेख पूरे नहीं हैं अथवा उनके अंकपत्र आदि के विवरण त्रुटिपूर्ण हैं) सम्मिलित हैं। ऐसे परीक्षार्थी जो अंक आगणित करने पर लिखित भाग में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त नहीं कर सके लेकिन आन्तरिक मूल्यॉकन में उत्तीर्ण हैं उनको बिना अंक के सामान्य प्रोन्नति प्रदान की गयी।निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने बताया कि ऐसे परीक्षार्थी (संस्थागत/व्यक्तिगत) जिनके कक्षा-९/११ की वार्षिक परीक्षा अथवा कक्षा १०/१२ की प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक उपलब्ध नहीं है उन्हें बिना अंको के सामान्य रूप से प्रोन्नत कर दिया गया। वर्ष २०२१ के पंजीकृत परीक्षार्थी जो अंक सुधार हेतु पुनः परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं उन्हे आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिये बिना अंक सुधार के लिए एक या एक से अधिक कितने भी विषयों में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जायेगा तथा उनका परीक्षाफल वर्ष २०२१ का ही माना जायेगा।
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