प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने षड्यंत्र धोखा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अली जामिन ने दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की। मेसर्स बायोमास रिसर्च एण्ड टेक्निकल सोल्यूशन प्रालि कंपनी के प्रोपराइटर सुमित अवस्थी व रामवती अवस्थी ने इसी नाम से फर्म खोली और कंपनी की रकम का गबन कर लिया। सुमित अवस्थी के खिलाफ ३४ व रामवती अवस्थी के खिलाफ २५ आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक केस के अलावा सभी में जमानत पर रिहा है। इस केस में सुमित, रामवती वषिनाथ अवस्थी की जमानत हो चुकी है। याची सुमित का साला है। वह १९ जुलाई २०१६ से जेल में बंद हैं। याची अधिवक्ता का कहना था कि सह अभियुक्तों को जमानत मिली है, इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए। सरकारी वकील का कहना था कि याची पर हत्या का भी केस है। इसके खिलाफ २१ केस दर्ज है। इसलिए अर्जी खारिज की जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने लंबे समय से जेल की अवधि को देखते हुए सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।
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