लंदन। ब्रिटेन के शीर्ष महामारी विज्ञानी नील फर्ग्यूसन ने दावा किया है कि ब्रिटेन में कोरोना का अंत कुछ ही महीने में हो सकता है। वैज्ञानिक फर्ग्युसन ने कहा कि ब्रिटेन पूरी तरह से महामारी से बाहर नहीं निकला है। हालांकि, वैक्सीन की वजह से अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की कम संख्या और कोरोना से होने वाली मौतों के कम जोखिम ने मौलिक रूप से समीकरण को बदला है। हालांकि, ब्रिटेन में अभी भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। नील फर्ग्युसन ने कहा, “अस्पतालों में भर्ती होने और मौत के जोखिम कम करने में वैक्सीन का प्रभाव काफी अधिक रहा है। मुझे लगता है और मैं इस बात को लेकर सकारात्मक हूं कि सितंबर के आखिर तक और अक्टूबर तक के समय तक हम महामारी से पहले के हालात में लौट सकते हैं।”ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की 19 जुलाई से लगभग सभी प्रतिबंधों को हटाने की योजना की स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा कड़ी आलोचना की गई। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट की वजह से मामलों में इजाफा हुआ। बता दें कि पूरी तरह अनलॉक हो चुके ब्रिटेन में पिछले छह दिनों से कोरोना के मामले घट रहे हैं। हफ्ते दर हफ्ते इसमें 21.5 फीसदी गिरावट देखी जा रही है। इससे एक्सपर्ट भी हैरान हैं। देश में 17 जुलाई को 54 हजार 674 नए मरीज मिले थे। 26 जुलाई को 24 हजार 950 नए मरीज मिले। इस बीच अस्पतालों में भर्ती मरीज 27फीसदी और मौतें 50फीसदी बढ़ी हैं। कुछ वैज्ञानिक गर्मी को इसके पीछे का कारण बता रहे हैं। कोई भी संक्रमण आमतौर पर गर्मियों में गिरता है। संभव है कि ब्रिटेन में मिनी हीटवेव के कारण संक्रमण रुका हो। हालांकि, लिवरपूल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ प्रो इयान बुकान कहते हैं कि अन्य कारण भी होंगे। हो सकता है कि ब्रिटेन के लोगों में हर्ड इम्यूनिटी आ गई हो। यहां बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में तेजी से गिरावट हो रही है।
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