नई दिल्ली । कई बार आमों को नकली तरीके से पकाया जाता है। ये दिखने में आपको नेचुरल और ताजा नजर आएंगे, लेकिन इन्हें खाना हानिकारक होता है। आम तौर पर केमिकल से पकाए हुए आम में जूस नहीं होता। मार्केट में आम की बढ़ती मांग की वजह से देश के कई शहरों में इस फल को नकली तरीके से पकाने का काम धड़ल्ले से हो रहा है।अब आप जानिए कि केमिकल का इस्तेमाल कर आम को कैसे पकाया जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसमें कैल्शियम कार्बाइड नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। आम को पकाने के लिए इसे कैल्शियम कार्बाइड के पैकेट के साथ रखा जाता है। जब ये केमिकल नमी के के संपर्क में आता है, तो एसिटिलीन गैस बनती है। यह एथिलीन जैसी ही होती है, जिसका इस्तेमाल फलों को नेचुरल तरीके से पकाने के लिए किया जाता है। यहां आपको बता दें कि इस तरह सिर्फ आम ही नहीं, कई दूसरे फलों को भी पकाया जाता है |एफएसएसआई ने फलों के कृत्रिम तरीके से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर बैन लगाया हुआ है। कैल्शियम कार्बाइड का स्वास्थ्य पर हानिकारक असर पड़ता है और इसकी वजह से आपको चक्कर आना, नींद न आना और याददाश्त कमजोर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।कैल्शियम कार्बाइड आपके नर्वस सिस्टम पर असर डालता है। इससे फलों की गुणवत्ता भी बेहद कम हो जाती है। फल बहुत ज्यादा मुलायम हो जाते हैं और अपनी प्राकृतिक मिठास खो देते हैं। पहचान का सबसे आसान तरीका ये है कि ऐसे आम नेचुरल तरीके से पके आमों की तुलना में जल्दी सड़ने लगते हैं। इन्हें खाने से पेट में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। एक और तरीका है जिससे आप पता कर सकते हैं कि आम कृत्रिम तरीके से तो नहीं पकाए गए। इसके लिए आमों को एक बाल्टी पानी लेकर उसमें डाल दें। अगर आम डूब जाते हैं, तो ये स्वाभाविक रूप से पके हुए हैं और पानी पर तैरते रह जाते हैं तो समझ लीजिए कि इन्हें केमिकल से पकाया गया है। ऐसे आमों में रस नहीं होता या तो बहुत कम होता है। बता दें कि कई बार आम को पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऊपर से देखने पर आपको पता नहीं चल पाएगा कि ये केमिकल से पकाया हुआ आम है, लेकिन कुछ खास तरीके हैं जिससे आप पता कर सकते हैं कि आम केमिकल वाला है या नहीं। आम में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन ए, एंटीऑक्सीडेंट और कई मिनरल्स होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।