जनसंख्या नियंत्रण कानून पर फिर से विचार करे सरकार-शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड

लखनऊ। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए। वहीं बोर्ड ने यह भी कहा कि धर्मांतरण के जरिए मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। कोई किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बना सकता।बोर्ड की बैठक सोमवार को राजधानी लखनऊ में हुई जिसमें मुसलमानों से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि हमने जनसंख्या नियंत्रण कानून व धर्मांतरण सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। मदरसा सुलतानुल मदारिस में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेंहदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बोर्ड के पदाधिकारियों ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए। बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुछ लोग धर्मांतरण की आड़ में इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि इस्लाम धर्म में कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं है। किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता। मोहम्मद साहब ने भी किसी को जबरदस्ती कलमा नहीं पढ़वाया।उन्होंने कहा कि इंसान अपनी मर्जी से अगर इस्लाम धर्म अपनाता है तब तो वह मुसलमान है। जोर जबरदस्ती किसी लालच या दबाव में अगर कोई किसी को मुसलमान बनाए तो यह इस्लाम के खिलाफ है। बैठक में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व सदस्य वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। कहा गया कि वसीम रिजवी के जरिए कुरान की तौहीन की जा रही है। वह बिल्कुल गलत है। बोर्ड इसकी निन्दा करता है और वसीम रिजवी का बायकॉ करता है। इस्लाम धर्म में जो बातें मोहम्मद साहब बता गए हैं या कुरान में जितनी आयतें और सूरे हैं। वह कयामत तक बदले नहीं जा सकते न ही उनमें कमी की जा सकती है। वहीं, बोर्ड ने निर्णय लिया कि हुसैनाबाद की जर्जर इमारतों पर भी ध्यान दिया जाए। बैठक में यासूब अब्बास सहित कई मौलाना मौजूद रहे।