पेरिस । फ्रांस में कोरोना महामारी के घातक वायरस के संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयास तेज हो गए है। इसके अंतर्गत सदन में एक नए कानून को मंजूरी दे दी गई है। इस नए कानून के तहत सभी रेस्तरां, घरेलू पर्यटकों को अब स्पेशल वायरस पास लेने और सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए वेक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि इस नए फैसले ने विरोध के साथ राजनीतिक गलियारे में भी विरोध को जन्म दे दिया है।फ्रांस के राष्ट्रपति इमेन्युल मैक्रॉन का कहना है कि देश में बढ़ रहे कोरोना मामलों की रोकथाम के लिए ये कदम उठाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या को कम करने के अलावा लॉकडाउन की स्थिति आने से बचने और अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। नए कानून के मुताबिक स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को 15 सितंबर से टीका लगवाना शुरू करना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें निलंबित किया जा सकेगा।सभी रेस्तरां, ट्रेन, विमान और अन्य सार्वजनिक जगहों के लिए हेल्थ पास लेना जरूरी कर दिया गया है। फिलहाल शुरुआत में इसको केवल व्यस्कों के लिए ही लागू किया गया है। लेकिन 30 सितंबर से ये नियम सभी 12 वर्ष से अधिक व्यक्तियों पर लागू हो जाएगा। इस हेल्थ पास को लेने के लिए लोगों को इस बात का सुबूत देना होगा कि वो पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके हें। इस संबंध में प्रशासन डिजीटल डॉक्यूमेंट भी एक्सेप्ट किया जा सकता है। इसके अलावा कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट और हाल ही में कोरोना से ठीक होने के दस्तावेज दिखाकर भी ये हेल्थ पास लिया जा सकेगा।सरकार ने इस संबंध में भी जानकारी दी है कि विदेशियों के लिए इसको किस तरह से लागू किया जाना है। इस बिल को करीब छह दिन पहले तैयार किया गया था। इसके लिए सभी सांसदों ने रात-रात भर काम किया और एक ऐसा मसौदा तैयार किया जिस पर अधिकतर सांसदों की राय या मंजूरी मिल सके। रविवार को एक लंबी प्रक्रिया के बाद देर रात इस कानून को नेशनल असेंबली से पारित कर दिया गया। राष्ट्रपति मैक्रॉन ने महामारी से लड़ने के लिए व्यापाक पैमाने पर वैक्सीनेशन की बात कही है। उन्होंने इस दौरान उन्हें आड़े हाथों लिया जो वैक्सीन और वैक्सीनेशन को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं।मालूम हो कि इस बिल के पास होने से पहले ही शनिवार को करीब डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। ये लोग सरकार द्वारा बनाए गए नए नियम के तहत दिए जाने हेल्थ पास का विरोध कर रहे थे। विरोध करने वाले इसको लेकर आजादी की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार उन्हें नहीं बताए कि उन्हें क्या करना है या नहीं।इस बारे में राष्ट्रपति ने लोगों से कहा कि आप किस तरह की आजादी चाह रहे हैं। यदि आप चाहते हैं कि मैं टीका नही लगवाना चाहता हूं, लेकिन कल आप अपने परिवार के किसी अन्य सदस्य को भी संक्रमित कर देते हैं। उन्होंने प्रदर्शन करने वालों से कहा कि उन्हें शालीन भाव और सम्मानजनक तरीके से अपनी बात सरकार के समक्ष रखने की आजादी है। लेकिन इस तरह के प्रर्दान से महामारी को दूर नहीं किया जा सकता है।इस दौरान उन्होंने जमकर उन लोगों को लताड़ लगाई जो वैक्सीनेशन को लेकर नकारात्मक भावना पैदा कर रहे हैं।