अगर आप प्रकृति के करीब हैं और आपकी रुचि पेड़ पौधों को लगाने और बगीचों को संवारने में है तो आप गार्डन डिजाइनिंग में भी अपना करियर बना सकते हैं। आज के दौर में युवाओं के सामने करियर बनाने के काफी विकल्प मौजूद हैं। अगर आपको प्रकृति से बेहद प्रेम हैं, तो यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें करियर बनाकर अच्छी खासी कमाई हो सकती हैं। गार्डन डिजाइनिंग की मांग लगातार बढ़ रही है। गार्डन डिजाइनिंग में करियर के लिए होनी चाहिये ये योग्यताएं।
क्रिएटिव होना जरुरी
गार्डन डिजाइनर्स बनने के लिए क्रिएटिव होना बेहद जरूरी है। इसके लिए आपको प्रकृति से प्रेम तथा लगाव होना आवश्यक है, क्योंकि इसमें ज्यादा समय प्रकृति के बीच ही बीतता है. साथ ही गार्डन डिजाइनिंग में धैर्य की बहुत जरूरत होती है।अधिकांश वे लोग इस पेशे में आते हैं, जिनके पास जिनके पास लैंडस्केप आर्किटेक्चर, हॉर्टीकल्चर, गार्डनिंग आदि में डिग्री होती है। भारत में कुछ इंस्टीट्यूट्स गार्डनिंग और लैंडस्केपिंग में शॉर्ट ऑर लॉन्ग टर्म कोर्स करवाते हैं। वहीं अगर आप कुछ एडवांस करना चाहते हैं, तो फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप गार्डनिंग में सर्टिफिकेट कोर्स करने के अलावा लैंडस्केपिंग में मास्टर्स कर सकते हैं। सर्टिफिकेट कोर्स लिए स्टूडेंट्स का हायर सेकंडरी, जबकि मास्टर्स के लिए आर्किटेक्चर में ग्रेजुएट होना जरूरी है।किसी भी गार्डन या लैंडस्केप की आर्ट डिजाइनिंग को गार्डन डिजाइनिंग कहते हैं। इस क्षेत्र में धैर्य की बहुत जरूरत होती है. इसमें आपको शारीरिक रूप से भी सक्षम होना होगा, क्योंकि आठ से दस घंटे मैदान में काम करना पड़ सकता है। इसके अलावा, अपने कस्टमर्स से अच्छे संबंध होने चाहिए, ताकि वे बार-बार आपकी सेवा लेने आएं।
विदेश में अच्छी संभावनाएं
भारत में एक गार्डन डिजाइनर 1.5 से 4 लाख रुपए के बीच आसानी से कमा सकता है। वहीं अनुभव होने पर तो और भी अधिक कमाई होती है। वैसे ऑस्ट्रेलिया या ब्रिटेन जैसे देशों में इससे ज्यादा पैकेज पर काम करने के विकल्प होते हैं। वहीं धीरे-धीरे भारत में इसका मार्केट अभी विकसित हो रहा है। कॉर्पोरेट कंपनीज भी वर्किंग प्लेस को एनवायर्नमेंट फ्रैंडली बनाने पर जोर देनी लगी हैं। गार्डन डिजाइनर्स लैंडस्केप कॉन्ट्रैक्टिंग, गार्डन कंसल्टेंसी, गार्डन राइटिंग और रिटेल नर्सरी जैसे सेक्टर्स में काम कर सकते हैं। अगर गार्डन डिजाइनर्स बनकर बाग -बगीचों की दुनिया में छाना चाहते हैं तो आप सिर्फ अपनी किएटिविटी पर ध्यान दें। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें क्रिएटिविटी ही सबसे अहम होती है।