लखनऊ। लोकतंत्र के मंदिर माने जाने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा का परिसर आज उस समय जीवंत और सीख से भरा दृश्य बना, जब हर मिलाप मिशन स्कूल, कानपुर से आए 23 शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक दल विधानसभा भवन के शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचा।

इस शैक्षणिक यात्रा का उद्देश्य शिक्षकों को लोकतंत्र की जड़ों, उसकी प्रक्रियाओं और विधानसभा की कार्यप्रणाली से परिचित कराना था। प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा के ऐतिहासिक भवन, उसकी स्थापत्य कला और आधुनिक सुविधाओं का अवलोकन किया तथा सदन की कार्यशैली, विधायी प्रक्रियाओं और जनप्रतिनिधियों की भूमिका को नजदीक से समझा।
भ्रमण के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री सतीश महाना से भेंट की।
श्री महाना ने दल का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें विधानसभा के गठन, विकास यात्रा, विधायी प्रक्रियाओं तथा जनहित से जुड़े मुद्दों पर सदन में होने वाली चर्चाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा केवल एक इमारत नहीं है, यह जनआकांक्षाओं का वह मंच है, जहां लोकतंत्र का जीवंत संवाद और विमर्श होता है।
श्री महाना ने युवा पीढ़ी में लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक जिम्मेदारियों और जागरूक नागरिक के रूप में सजग रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बच्चों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली की व्यवहारिक समझ भी दें, ताकि वे भावी जिम्मेदार नागरिक बनें।
इस अवसर पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने विधानसभा की कार्यप्रणाली और विधायी प्रक्रियाओं से जुड़े अनेक प्रश्न भी पूछे। श्री महाना ने अत्यंत सरल और व्यवहारिक ढंग से उनके सभी प्रश्नों का समाधान कर प्रतिनिधिमंडल का ज्ञानवर्धन किया।
भ्रमण के दौरान दल ने विधानसभा के ऐतिहासिक दस्तावेजों तथा महत्वपूर्ण स्थलों का अवलोकन किया। सभी शिक्षकों ने इस अनुभव को अत्यंत प्रेरणादायी और जानकारीपूर्ण बताते हुए कहा कि यह यात्रा उन्हें न केवल एक नई दृष्टि दे गई, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भी और गहरा कर गई।
अंत में प्रतिनिधिमंडल ने इस अविस्मरणीय अनुभव के लिए विधानसभा अध्यक्ष श्री महाना तथा सचिवालय के अधिकारियों कर्मचारियों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह यात्रा निश्चित ही उनके मन-मस्तिष्क में लोकतंत्र के प्रति नई चेतना, निष्ठा और जागरूकता का संदेश छोड़ गई।