नई दिल्ली। कोरोना वायरस को मात देने के लिए एक तरफ पूरे देश में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है दूसरी ओर इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। टीके के बाद उसके प्रभाव का अध्ययन करने वाले एक केंद्रीय पैनल की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड टीकाकरण के बाद 60 लोगों में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव किया है। पिछले महीने इस तरह की एक प्रकाशित रिपोर्ट में ऐसे 31 मामले दर्ज किए गए थे। टीकाकरण के बाद राष्ट्रीय प्रतिकूल घटनाएं समिति जो कि कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को एक रिपोर्ट दी थी। इसने 27 मई को अपना मूल्यांकन पूरा किया था। इस बार के 60 मामलों में से 55 केस टीकाकरण से ऐसे ही जुड़े थे। इनमें से 36 चिंता संबंधी थीं और 18 केस प्रोडक्ट से संबंधित थीं। जबकि एक को दोनों के रूप में वर्गीकृत किया गया था। पांच मामलों में टीकाकरण के लिए एक असंगत कारण संबंध पाया गया है। इसमें मौत का भी मामला शामिल है। हालांकि, रिपोर्ट में मौत को संयोग से होने वाली घटना के रूप में बताया गया है। जून की रिपोर्ट में टीके के बाद मौत का एक मामला सामने आया था। जिसमें दोनों डोज लग चुके थे। इसके बाद वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियों की ओर से सफाई भी सामने आई थी। उस समय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि टीके की जोखिम की तुलना में लाभ बहुत ज्यादा है। एईएफआई पैनल ने इस बार भी यही संदेश दोहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एहतियात के तौर पर नुकसान के सभी उभरते संकेतों को लगातार ट्रैक किया जा रहा है और समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। बता दें कि भारत ने जनवरी में अपना कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किया था और अब तक लगभग 40 करोड लोगों को टीके की डोज दी जा चुकी है। टीकाकरण के बीच देश ने दूसरी लहर का भी सामना किया, जिसमें हजारों की संख्या में मौत और अस्पताल में भर्ती होने के मामले देखने को मिले थे।
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