खून में हीमोग्लोबिन या रेड ब्लड सेल्स की कमी को एनीमिया कहते हैं। कई बार शरीर रेड ब्लड सेल्स या हीमोग्लोबिन बना नहीं पाता और कई बार ज्यादा खून बह जाने से शरीर में इनकी कमी हो जाती है। एनीमिया को एक तरह की बीमारी माना जाता है। ये बीमारी ज्यादातर महिलाओ को होती है और उनमें इसकी एक मुख्य वजह मासिक धर्म होता है। आमतौर पर पुरुषों में 100 मिली ग्राम खून में 13.5 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन और महिलाओं में 100 मिली ग्राम खून में 12 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन हो तो इसे एनीमिया की स्थिति कहते हैं। कई बार एनीमिया के मरीजों में बाहर से कोई लक्षण नहीं नजर आते या हल्के-फुल्के लक्षण नजर आते हैं जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं। खून की सीबीसी जांच द्वारा इस बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
एनीमिया का कारण
एनीमिया का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी है। एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में 3-5 ग्राम आयरन होता है। शरीर में इसकी मात्रा कम होने पर खून कम बन पाता है और एनीमिया हो जाता है। कई बार ज्यादा मात्रा में खून बह जाना भी एनीमिया का कारण बनता है। इसके अलावा शरीर में कैल्शियम की अधिकता से भी एनीमिया हो सकता है इसलिए कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थों का बहुत अधिक सेवन भी शरीर के लिए खतरनाक है।
एनीमिया से बचाव
एनीमिया से बचाव के लिए आपको अपनी जीवनशैली में थोड़ा परिवर्तन करना पड़ेगा। एनीमिया मुख्यतः शरीर में खून की कमी ही है इसलिए इससे बचाव के लिए ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में खून की मात्रा बढ़े जैसे- चुकंदर, गाजर, पालक, टमाटर, बथुआ और अन्य हरी सब्जियां। हरी सब्जियों के साथ-साथ काले चने और गुड़ में भी आयरन भरपूर होता है। रोजाना सुबह भीगे हुए काले चने गुड़ के साथ खाने से एनीमिया जल्द खत्म हो जाता है। इसके अलावा अगर आप सब्जी बनाने के लिए लोहे की कड़ाही का इस्तेमाल करते हैं तो इससे भी शरीर में आयरन की कमी दूर होती है। शरीर में आयरन की ज्यादा कमी होने पर आप चिकित्सक की सलाह से आयरन की गोलियां भी ले सकते हैं।
एनीमिया के लक्षण
काम के दौरान जल्दी थक जाना
दिनभर कमजोरी महसूस होना
त्वचा पीली पड़ना
सीढ़ी चढ़ते हुए चक्कर आ जाना
सीने और सिर में दर्द होना
तलवों और हथेलियों का ठंडा हो जाना