मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता गांधी,पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 शास्त्री की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि दी

लखनऊ : 02 अक्टूबर, 2024

     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर हजरतगंज स्थित क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर उनके चित्र पर भी माल्यार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने चरखा चलाया। उन्होंने गांधी आश्रम में खादी के वस्त्र खरीदे तथा उसका कार्ड से भुगतान किया।

इस अवसर पर महात्मा गांधी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश मानवता के प्रति योगदान के लिए भारत की स्वतंत्रता के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उनकी स्मृतियों को नमन कर रहा है। आज नया भारत राष्ट्रपिता के आदर्शों तथा मूल्यों से प्रेरणा प्राप्त कर निरन्तर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर विश्वकर्मा जयंती तथा उनके जन्म दिवस, 17 सितंबर से प्रारम्भ सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के साथ जुड़ता हुआ आज 02 अक्टूबर को गांधी जी की जयंती तक निरन्तर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता ने जिन उद्देश्यों तथा मूल्यों के लिए भारत के स्वावलम्बन, स्वदेशी तथा स्वच्छता के अभियान को आगे बढ़ाया, आज उन्हें उन उद्देश्यों में से एक स्वच्छता अभियान से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री द्वारा प्रारम्भ किया गया स्वच्छ भारत मिशन राष्ट्रपिता के स्वच्छता अभियान को नई ऊंचाई प्रदान कर रहा है।

आज प्रधानमंत्री भी इस अभियान के साथ जुड़ रहे हैं। देश के 12 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण उनके स्वच्छता के प्रति आग्रह तथा नारी गरिमा के अभियान को प्रदर्शित करता है। नारी सशक्तिकरण के बिना समाज को स्वावलम्बी तथा सुदृढ़ नहीं किया जा सकता। स्वदेशी, स्वावलम्बन, स्वच्छता तथा नारी सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रपिता के वचनों की आज भी प्रासंगिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में शक्तिशाली तथा सामर्थ्यवान देशों ने सर्वप्रथम आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया। आज अपनी उद्यमिता व तकनीक के लिए विख्यात अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी तथा जापान जैसे देशों ने अपनी स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा दिया था। प्रधानमंत्री जी का वोकल फॉर लोकल मंत्र राष्ट्रपिता के स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ाने का कार्यक्रम है। जब तक स्वदेशी अभियान भारत की आजादी का मंत्र नहीं बना तब तक आजादी की लड़ाई में एक जुटता नहीं दिखाई दे रही थी। गांधी जी द्वारा स्वदेशी अभियान के साथ भारत की आजादी के आंदोलन से जुड़ने से देश के नागरिकों के मन में  गौरव तथा स्वावलम्बन का भाव जाग्रत हुआ। खादी इसका प्रतीक बना। अंग्रेजों के बारे में मान्यता थी कि उनके राज्य में सूर्य अस्त नहीं होता है। राष्ट्रपिता के नेतृत्व में चला आजादी का आंदोलन उनके सूर्य को अस्त करने में सफल रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को खादी को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के अभियान के साथ जुड़ना चाहिए। पर्व व त्योहारों पर विदेशी वस्त्रों के स्थान पर स्थानीय वस्त्रों व उत्पादों को प्राथमिकता दें। राष्ट्रपिता के स्वदेशी कार्यक्रम को  खादी के साथ जोड़ते हुए, यदि इन उत्पादों को मित्रों, शुभचिन्तकों तथा सगे सम्बन्धियों को उपहार स्वरूप प्रदान करेंगे, तो स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा तथा आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि आज के कार्यक्रम में उन्हें भजन सुनने तथा चरखा कातने का अवसर प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि हमने खादी के महत्व को समझा व जाना है। इसलिए सरकार द्वारा खादी आश्रम में बिक्री के लिए तैयार खादी के किसी भी उत्पाद पर 108 दिनों तक 25 प्रतिशत की छूट देने की व्यवस्था लागू की गई है। इस अवसर पर प्रत्येक प्रदेशवासी खादी का कोई न कोई उत्पाद अवश्य खरीदे। यदि आप ऐसा करेंगे तो यह स्वावलंबन का आधार बनेगा तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज अभियान विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में सहायता करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रखर गांधीवादी व भारत माता के महान सपूत देश के द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जयंती है। वह गांधी जी के अनन्य भक्त तथा अनुयायी थे। वह गांधी जी के आह्वान पर देश की आजादी के आंदोलन के साथ जुड़े रहे। उन्हें अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करते हुए सन् 1964 में देश के प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ।
शास्त्री ने खाद्यान्न उत्पादन के मामले में राष्ट्र की आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देशवासियों का आह्वान किया था। उनके कार्यकाल के दौरान इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले। सन् 1965 में दुश्मन देश द्वारा  भारत के विरुद्ध थोपे गए युद्ध का प्रत्युत्तर तेजस्विता के साथ दिया गया। यह भारत के विश्व मानवता के कल्याण के लिए कार्य करने तथा आवश्यकता पड़ने पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के संकल्प को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी के नेतृत्व में भारत को वैश्विक ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए आज उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का भी अवसर है।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, सांसद संजय सेठ, विधायक श्री नीरज बोरा, योगेश शुक्ला, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, इं0 अवनीश कुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, प्रबंधक क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम, लखनऊ अखिलेश उपाध्याय तथा गांधी आश्रम से जुड़े अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।