लखनऊ।किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ने आज केजीएमयू बी.ई.एस.टी. (प्रशिक्षण के माध्यम से आवश्यक कौशल का निर्माण) एक कौशल और कृत्रिम वास्तविक आधारित शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है।
यह प्लेटफ़ॉर्म अत्याधुनिक सिमुलेशन (कृत्रिम वास्तविक) तकनीक को एकीकृत करके सीखने के अनुभव को बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है।इसका उद्देश्य व्यावहारिक कौशल विकास, सैद्धांतिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के नैदानिक अभ्यास के बीच अंतर को कम करना है।
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद द्वारा केजीएमयू बी.ई.एस.टी. (कौशल-आधारित मूल्य-वर्धित पाठ्यक्रम) का उद्घाटन किया गया। उक्त कार्यक्रम २६ – २७ सितंबर २०२४ को लेर्डल मेडिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सिमुलेशन-आधारित शिक्षा का उपयोग करके कौशल प्रशिक्षण प्रदर्शित करने के लिए एक आदर्श आधार होगा। पहली कौशल कार्यशाला के लिए एमबीबीएस अंतिम वर्ष के ४० छात्रों को नामांकित किया गया था।
आयोजन समिति के प्रयास की सराहना करते हुए कुलपति ने एक सक्षम और आत्मविश्वासी मेडिकल स्नातक के विकास के लिए कौशल और सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम की आयोजक डॉ. अंजू अग्रवाल ने कहा कि भविष्य में ऐसे और भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। डॉ. अमिता पांडे एचओडी मेडिकल एजुकेशन और कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि ने कहा कि मॉडलों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण मेडिकल छात्रों के कौशल को बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है।
कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ. रिदिम ने चिकित्सा शिक्षा के लिए अपना समर्थन देने के लिए लैडरल कंपनी की टीम को धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम से एमबीबीएस पाठ्यक्रम की मूल्यवृद्धि होती है।
कार्यक्रम के आयोजन में प्रो अक्षय आनंद (सर्जरी विभाग) एवम प्रो शुचि त्रिपाठी (प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. हिमांशु महाजन, करमवीर और डॉ. अरुण ने लार्डल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का प्रतिनिधित्व किया और छात्रों को प्रशिक्षित किया।
छात्रों को चार पाठ्यक्रमों (रूट्स ऑफ ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, घ्न्न् थेरेपी, यूरिनरी कैथीटेराइजेशन और नासोगैस्ट्रिक ट्यूब) में नौ प्रमाणित कौशल पर प्रशिक्षित किया जाएगा।पाठ्यक्रम शिक्षण में सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से कौशल प्रदर्शन, सहकर्मी अभ्यास और रचनात्मक मूल्यांकन को सम्मिलित किया गया।